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भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर कुर्मी छत्री कल्याण समिति का भव्य आयोजन - NN81



छत्तीसगढ़ कोरबा से अजय तिवारी की रिपोर्ट 

कोरबा

भारत रत्न, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर कुर्मी छत्री कल्याण समिति, जिला कोरबा के तत्वावधान में एक भव्य एवं प्रेरणादायी समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन कुर्मी समाज भवन, कोरबा में गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। समारोह में समाज के सैकड़ों सदस्य, गणमान्य नागरिक, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और नगर के प्रतिष्ठित लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

अतिथि सत्कार और प्रारंभिक आयोजन


कार्यक्रम में नगर निगम कोरबा की महापौर संजू देवी राजपूत विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं। उनके आगमन पर समिति के पदाधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

समारोह की अध्यक्षता रामकुमार वर्मा (अध्यक्ष, कुर्मी छत्री कल्याण समिति) ने की।


 दीप प्रज्वलन और देशभक्ति से ओतप्रोत वातावरण

समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरदार वल्लभभाई पटेल जी के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद राष्ट्रभक्ति गीतों, कविताओं और प्रेरक प्रसंगों की प्रस्तुति ने पूरे सभागार को देशप्रेम की भावना से भर दिया।

पटेल जी के जीवन संघर्ष, स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका और भारत के राजनीतिक एकीकरण में उनके अतुलनीय योगदान पर आधारित प्रस्तुतियाँ उपस्थित जनसमूह को भाव-विभोर कर गईं।


महापौर संजू देवी राजपूत ने कहा —

“सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने अपने अदम्य साहस, दूरदृष्टि और दृढ़ नेतृत्व से भारत को एकता के सूत्र में पिरोया। उन्होंने देश की 562 रियासतों को जोड़कर एक अखंड भारत का निर्माण किया। उनका जीवन हमें यह संदेश देता है कि जब देशहित सर्वोपरि होता है, तब कोई भी कार्य असंभव नहीं रहता। आज के युवाओं को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि कुर्मी समाज द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम समाज की जागरूकता, एकता और राष्ट्रीय समरसता का प्रतीक है। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की भावना को और सशक्त बनाते हैं।


समिति अध्यक्ष रामकुमार वर्मा ने कहा —

“सरदार पटेल केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, साहस और दृढ़ संकल्प के अमर प्रतीक थे। उन्होंने जो कार्य स्वतंत्र भारत के निर्माण में किया, वह इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। कुर्मी समाज उनके आदर्शों पर चलकर समाज में एकता, सहयोग और प्रगति की भावना को सुदृढ़ बनाने का कार्य करता रहेगा। हर भारतीय का यह कर्तव्य है कि वह पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में अपना योगदान दे।”


अन्य वक्ताओं ने सरदार पटेल को बताया राष्ट्र की आत्मा का प्रतीक

अन्य वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान केवल भारत के राजनीतिक इतिहास तक सीमित नहीं है, बल्कि वे प्रत्येक भारतीय के हृदय में राष्ट्रीय एकता, साहस और कर्तव्यनिष्ठा के प्रेरक प्रतीक हैं। उनकी संगठन क्षमता और राष्ट्र दृष्टि ने भारत को विश्व पटल पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।

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