नारायणपुर छत्तीसगढ़
खुमेश यादव
नारायणपुर : वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में बस्तर क्षेत्र में लगातार ‘‘माड़ बचाव’’ अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी अभियान के अंतर्गत अबूझमाड़ में सुरक्षा कैम्पों के विस्तार के साथ-साथ सड़क, पुल-पुलिया, स्वास्थ्य, शिक्षा और मोबाइल नेटवर्क जैसी सुविधाओं को दूरस्थ गांवों तक पहुँचाने में पुलिस महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है उसी क्रम में 21 नवंबर 2025 को घोर नक्सल प्रभावित पदमेटा गांव में नया कैम्प स्थापित किया गया। यह क्षेत्र लंबे समय से माओवादियों का आश्रयस्थल माना जाता रहा है। कैम्प की स्थापना से स्थानीय ग्रामीणों में सुरक्षा, भरोसा और उत्साह का माहौल बना है। पदमेटा थाना ओरछा से 35, आदेर से 30, कुड़मेल से 15, जाटलूर से 14 और डोडीमरका से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे सुरक्षा कवरेज की व्यापकता और बढ़ गई है।
कैम्प स्थापित होने से आसपास के ताडवाडा, रासमेटा, मलंगा, हिपु, करंगुल, मुरूमवाडा और कुमनार क्षेत्रों में सड़क निर्माण, पुल-पुलिया, चिकित्सा सुविधाएँ, शिक्षा और मोबाइल कनेक्टिविटी जैसे विकास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। सुरक्षा बलों की मौजूदगी के कारण अब इन योजनाओं को सुरक्षित वातावरण में पूरा किये जाने में सहायता मिलेगी।
वर्ष 2025 में ही नारायणपुर पुलिस ने नक्सलियों के अघोषित राजधानी कहे जाने वाले कुतुल समेत कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका और पदमेटा में सुरक्षा कैम्प स्थापित कर विकास और विश्वास की नई दिशा दी है।
इस अभियान में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज पी. सुन्दराज, पुलिस उपमहानिरीक्षक अमित कांबले, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रोबिनसन गुरिया सहित आईटीबीपी 44वीं वाहिनी कमांडेंट मुकेश कुमार दसमाना एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन रहा। कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी की 27वीं, 38वीं, 40वीं और 44वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
