लालशेखर सिंह ब्यूरो
मुंबई: लोकमान्य तिलक टर्मिनस क्षेत्र में ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी और अनियमितता ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रवासी और रोजाना यात्रा करने वाले लोग लगातार शोषण का शिकार बन रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, लोकमान्य तिलक टर्मिनस से मरोल तक का किराया सामान्य रूप से मीटर पर लगभग 110 रुपये आता है, लेकिन चालकों द्वारा सौदेबाजी कर इसे 300 रुपये तक वसूल लिया जाता है। यात्रियों का आरोप है कि ऑटो चालक मीटर का उपयोग करने से इनकार करते हैं और भीड़-भाड़ या समय की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने किराए वसूलते हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि यह सिर्फ किराए का मामला नहीं है, बल्कि क्षेत्र में ऑटो रिक्शा संचालन की व्यापक अनियमितता भी देखने को मिल रही है। कई ऑटो चालकों के पास वैध परमिट या वाहन दस्तावेज नहीं हैं, बावजूद इसके वे खुलेआम अपने व्यवसाय का संचालन कर रहे हैं।
यात्रियों और स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऑटो चालकों की अनियमितता और मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग को निगरानी बढ़ानी होगी और नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा, ताकि प्रवासी और आम जनता का शोषण बंद हो सके।
