लोकेशन नारायणपुर छत्तीसगढ़
संवाददाता खुमेश यादव
नारायणपुर, 07 अक्टूबर 2025//पोषण अभियान, जो समग्र पोषण के लिए एक व्यापक योजना है, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण परिणामों में सुधार करने के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। इस अभियान की शुरुआत 8 मार्च, 2018 को की गई थी। पोषण अभियान स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती और इम्युनिटी को बढ़ावा देने वाली प्रथाओं को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए एक कन्वर्जेंट इको-सिस्टम बनाकर पोषण सामग्री और डिलीवरी में रणनीतिक बदलाव के जरिए कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास करता है।
जिले के परियोजना छोटेडोंगर अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र धौडाई द्वारा कुपोषण से सुपोषण की ओर स्वस्थ और उज्ज्वल बचपन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। लाभार्थी निहारिका पोयाम एवं निहाल पोयाम (जुड़वा बच्चे) का जन्म के समय वजन मात्र 01 किलो 900 ग्राम था। दोनों बच्चे गंभीर कुपोषण की श्रेणी में थे। स्वास्थ्य कमजोर, शरीर दुबला-पतला और विकास की गति धीमी थी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पोषण अभियान टीम के समन्वित प्रयासों से नियमित वजन और ऊँचाई का मापन किया गया। पोषण अभियान के तहत् पूरक आहार, अंडा, दूध और फल की नियमित व्यवस्था की गई। परिवार को संतुलित आहार, स्वच्छता और देखभाल के सही तरीके समझाए गए। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बच्चों का टीकाकरण एवं आवश्यक दवाइयाँ सुनिश्चित की गईं। माता को पोषण एवं स्तनपान संबंधी परामर्श दिया गया।
नियमित देखभाल और समर्पण का परिणाम आज सभी के सामने है। दोनों बच्चों का वजन अब सामान्य स्तर पर पहुँच गया है। निहारिका और निहाल अब स्वस्थ, सक्रिय और प्रसन्नचित्त हैं। उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास सामान्य गति से हो रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र धौडाई और राष्ट्रीय पोषण अभियान के संयुक्त प्रयास से यह सिद्ध हुआ कि नियमित देखभाल, संतुलित आहार और सामुदायिक सहयोग से कोई भी बच्चा कुपोषण से सुपोषण की ओर बढ़ सकता है।
