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पोहरी थाना पुलिस आरक्षक पर गंभीर आरोप, पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार - NN81





मध्यप्रदेश शिवपुरी से नितिन राजपूत जिला ब्यूरो रिपोर्टर की रिपोर्ट 

पोहरी थाना में पदस्थ आरक्षक 1144 राजेन्द्र खरे पर उनकी पत्नी साक्षी खरे ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि शादी के शुरुआती दिनों से ही पति राजेन्द्र खरे और उनके परिवारजन दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करते रहे हैं।


प्रार्थीया साक्षी खरे ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि उनका विवाह 19 अप्रैल 2024 को राजेन्द्र खरे से हुआ था। विवाह के बाद से ही उन्हें दहेज की मांग पर मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गईं। हाल ही में 08 सितम्बर 2025 को राजेन्द्र खरे ने शराब के नशे में उन्हें मुक्कों और लात-घूंसों से बुरी तरह पीटा। इतना ही नहीं, आरोप है कि पीड़िता को जबरन नशीला पदार्थ खिलाकर मकान से बाहर फेंक दिया गया, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई।


पीड़िता ने आगे बताया कि 05 सितम्बर 2025 को भी उनके पति ने शराब के नशे में जबरन खुली कोल्डड्रिंक पिलाई थी, जिसके बाद उनके साथ अनैतिक रूप से संबंध बनाने का प्रयास किया गया और विरोध करने पर मारपीट की गई। पीड़िता के मुताबिक, कई बार गला दबाकर जान से मारने का प्रयास भी किया गया।


पीड़िता साक्षी खरे ने बताया कि—


> "मेरे पति लगातार शराब पीकर मारपीट करते हैं, गंदी-गंदी गालियां देते हैं और जबरन नशा कराकर मेरे साथ गलत संबंध बनाने की कोशिश करते हैं। विरोध करने पर मुझे निर्वस्त्र कर पीटा गया। मैं अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर डरी हुई हूं। मुझे आशंका है कि कहीं मेरे पति और उनका परिवार मेरे या मेरे परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना न कर दे।"




पीड़िता ने पहले भी बैराड़ थाना सहित कई बार शिकायतें की थीं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही। वर्तमान में पोहरी थाना क्षेत्र में तैनात पति के खिलाफ 16 सितम्बर 2025 को FIR दर्ज की गई है।


अब पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को पत्र लिखकर मांग की है कि आरक्षक 1144 राजेन्द्र खरे को तत्काल थाना पोहरी से हटाया जाए, ताकि जांच निष्पक्ष रूप से हो सके और उन्हें न्याय मिल सके।


पीड़िता ने अपने आवेदन के साथ पूर्व में दिए गए आवेदनपत्र, FIR की प्रति एवं अपनी चोटों के फोटोग्राफ भी संलग्न किए हैं।


इस पूरे मामले को लेकर अब पुलिस प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या विभाग अपने ही कर्मचारी के खिलाफ निष्पक्ष और त्वरित कार्यवाही करेगा या पीड़िता को और इंतजार करना पड़ेगा।

ग्रामीण व सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि दहेज प्रथा और महिलाओं पर हो रही प्रताड़ना पर सख्ती से रोक लगनी चाहिए। 




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