ईद-ए-मिलादुन्नबी पर शिक्षा और उल्लास का संगम, बच्चों ने दिखाया धार्मिक ज्ञान का हुनर
ख्वातीन-ए-इस्लाम सामाजिक संस्था बिबी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं और बच्चों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा
चंद्रपुर महाराष्ट्र -संवाददाता हबीब शेख
पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के पवित्र जीवन और उनकी शिक्षाओं से समाज को प्रेरणा लेने का संदेश देते हुए ईद-ए-मिलादुन्नबी के पावन अवसर पर शहर के ख्वातीन-ए-इस्लाम सामाजिक संस्था बिबी द्वारा एक विशेष धार्मिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शहर भर की महिलाओं और बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे पूरा माहौल ज्ञान और उल्लास से भर गया।
कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरआन की तिलावत से हुई, जिसके बाद संस्था की प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य लक्ष्य नई पीढ़ी को इस्लाम की मूलभूत शिक्षाओं, कुरआन-ए-पाक के नैतिक मार्गदर्शन और पैगंबर हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) के आदर्श जीवन से अवगत कराना है, ताकि वे एक बेहतर इंसान और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
इस अवसर पर आयोजित विशेष सत्र में बच्चों के लिए कलमा, सूरह, दुआओं का सही उच्चारण और कुरआन-ए-पाक की बुनियादी जानकारी पर आधारित एक रोचक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। बच्चों ने न केवल इन प्रश्नों के उत्साहपूर्वक उत्तर दिए, बल्कि उनकी प्रतिभा ने सभी को अचंभित कर दिया। इसके अलावा, नात-ए-पाक और इस्लामी गीतों की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में भक्ति और उमंग का संगम ला दिया।
संस्था की ओर से आयोजित इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले सभी बच्चों को उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए पुरस्कार स्वरूप उपहार भेंट किए गए। इससे बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। संस्था की सदस्यों ने बताया कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ सामूहिक सहभागिता और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना भी विकसित करना है।
इस सफल आयोजन में ख्वातीन ए इस्लाम सामाजिक संस्था बिबी की अध्यक्षा फरजाना शेख उपाध्यक्ष्या शबनम शेख सचिव शिरीन शेख, सदस्या सलमा पठाण, शकीला शेख, तब्बू शेख, शबाना शेख एवं बिस्मिला शेख ,शमीना शेख,आदि का विशेष योगदान रहा। उन्होंने बताया कि संस्था लगातार महिलाओं और बच्चों के बीच शैक्षिक और धार्मिक जागरूकता फैलाने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य वक्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में बच्चों और महिलाओं तक धार्मिक शिक्षा की सही एवं शुद्ध जानकारी पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है। इससे न केवल व्यक्ति का चरित्र निर्माण होता है, बल्कि एक शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज के निर्माण में भी मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियाँ ही देश और समाज का भविष्य हैं और उन्हें सही मार्गदर्शन देना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित लोगों के लिए दुआ एवं सलाम के साथ हुआ। इस अवसर पर समाज के विभिन्न वर्गों की गणमान्य महिलाएं एवं बच्चे उपस्थित रहे।
