डग:- झालावाड़ जिले की डग तहसील के छोटे से गांव पाड़ला का नाम आज देशभर में रोशन हो रहा है। कभी बकरियां चराकर भूखे पेट जीवन बिताने वाले गोपाल मेहर सिसोदिया आज मुंबई जैसे सपनों के शहर में अपनी मेहनत और लगन से मल्लखंब खेल में जिले का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर रहे हैं।छोटी उम्र में ही पिता का देहांत हो गया। घर में सिर्फ मां और दो भाई के साथ कठिन परिस्थितियों में जीवन बिताना पड़ा। सामाजिक कुरीतियों और आर्थिक तंगी के बीच कई बार भूखे पेट रहना पड़ा, लेकिन हार नहीं मानी। बकरियों के दूध से पेट भरा वही बकरिया चराकर परिवार का खर्च चलाया और पिता के 13वें के कर्ज तक चुकाए। बाद में डग कस्बे में चाय की दुकान शुरू की और पढ़ाई भी जारी रखी व वहीं से अपने सपनों की नींव रखी।इसी दौरान डग नगर में शाखा के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव हुआ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उनकी शिक्षा का संपूर्ण खर्च उठाया और खेलों में प्रतिभा को पहचानते हुए आगे बढ़ाया। कुश्ती और मल्लखंब में पारंगत होकर मात्र 16 वर्ष की आयु में अन्य बच्चों को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया। आज वे राष्ट्रीय मल्लखंब कोच, रेफरी और प्रेरक व्यक्तित्व बन चुके हैं।गोपाल मेहर सिसोदिया द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने देशभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। हाल ही में दिल्ली में 5 अगस्त को आयोजित ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ ऑडिशन में उनकी टीम के 26 खिलाड़ियों का चयन हुआ है, जिसमें 20 बालिकाएं और 6 बालक शामिल हैं। आगामी 12 सितंबर को शूटिंग होगी जिसमें वे अपना हुनर दिखाएँगे।हरदोल व्यायामशाला, कोटा की टीम ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अनेक पदक जीतकर राजस्थान का मान बढ़ाया है।अब तक गोपाल मेहर सिसोदिया द्वारा प्रशिक्षित 50 से अधिक बालिकाएं और 20 से अधिक बालक राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुके हैं।गाँव की कठिनाइयों से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुँचने की यह यात्रा संघर्ष, साहस और समर्पण की प्रेरणा बन चुकी है।गोपाल मेहर सिसोदिया आज युवाओं के लिए मिसाल हैं।
डग से न्यूज़ नेशन 81 संवाददाता राहुल शर्मा की रिपोर्ट
