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अबूझमाड़ में बड़ा माओवादी एनकाउंटर, केंद्रीय समिति के दो टॉप नक्सली ढेर - NN81




लोकेशन नारायणपुर  छत्तीसगढ़ 

संवाददाता खुमेश यादव 


 छत्तीसगढ़–महाराष्ट्र अंतर्राज्यीय सीमा से लगे अबूझमाड़ क्षेत्र में सोमवार 22 सितंबर को सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति के दो टॉप कैडर मारे गए। मारे गए नक्सलियों की पहचान राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी (63) और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी (67) के रूप में हुई है। दोनों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

सुबह से चल रही थी मुठभेड़

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने बताया कि अबूझमाड़ इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना पर सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सुबह से ही दोनों ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। अंततः दो नक्सली कैडरों के शव बरामद किए गए।


हथियारों का जखीरा बरामद

मुठभेड़ स्थल की तलाशी के दौरान एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर, बड़ी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य और अन्य सामग्री बरामद की गई। पुलिस का मानना है कि यह माओवादी दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में लंबे समय से सक्रिय थे और अनेक हिंसक घटनाओं के मास्टरमाइंड रहे हैं, जिनमें कई जवान शहीद हुए और निर्दोष ग्रामीणों की जान गई। दोनों नक्सलियों का प्रोफाइल

राजू दादा ,कट्टा रामचंद्र रेड्डी

उम्र: 63 वर्ष | निवासी: करीमनगर, तेलंगाना

पद: केंद्रीय समिति सदस्य, सीपीआई (माओवादी)

इनाम: ₹40 लाख (छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा घोषित)

कोसा दादा  ,कादरी सत्यनारायण रेड्डी

उम्र: 67 वर्ष | निवासी: करीमनगर, तेलंगाना

पद: केंद्रीय समिति सदस्य, सीपीआई (माओवादी)

इनाम: ₹40 लाख (छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा घोषित)

संगठन को बड़ा झटका

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने कहा कि इस मुठभेड़ में केंद्रीय समिति के दो शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने से माओवादी संगठन को बड़ी चोट पहुँची है। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद सुरक्षा बल पूरी निष्ठा से अभियान चला रहे हैं।


उन्होंने नक्सलियों से हिंसा का मार्ग छोड़कर आत्मसमर्पण करने और सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाने की अपील की।


यह मुठभेड़ अबूझमाड़ में नक्सल विरोधी अभियान के इतिहास की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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