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जिले मे आज नेशनल लोक अदालत में कुल 575 लंबित प्रकरणों का हुआ निराकरण 24 करोड़ के अवार्ड हुए पारित, कुल 1165 पक्षकारगणों को मिला सीधा लाभ




 संवाददाता अनिल मालवीय सिराली जिला हरदा एमपी की खास खबर

हरदा जिले मे  आज नेशनल लोक अदालत में कुल 575 लंबित प्रकरणों का हुआ निराकरण 24 करोड़ के अवार्ड हुए पारित, कुल 1165 पक्षकारगणों को मिला सीधा लाभ

प्री-लिटिगेशन स्तर पर कुल 983 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमंे 74,22,585 रूपये के अवार्ड पारित किए गए तथा 1098 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया


मा0 प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदा श्री अरविंद रघुवंशी के कुशल मार्गदर्शन में जिला न्यायालय हरदा एवं व्यवहार न्यायालय खिरकिया तथा व्यवहार न्यायालय टिमरनी, जिला हरदा में दिनांक 13.09.2025 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया ।

आज दिनांक 13.09.2025 की लोक अदालत में जिले में कुल 14 खण्डपीठ बनाई थी जिसमें से 13 खण्डपीठ न्यायालयों की, 01 खण्डपीठ उपभोक्ता फोरम की बनाई गई थी। 


गठित खण्डपीठों द्वारा सुलह समझौते के आधार पर कुल 575 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 24,01,68,776/- (चैबीस करोड़ एक लाख अडसठ हजार सात सौ छियत्तर रूपये) के अवार्ड पारित किए गए तथा कुल 1165 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया। इसी तरह प्री-लिटिगेशन स्तर पर कुल 983 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमंे 74,22,585/- रूपये के अवार्ड पारित किए गए तथा 1098 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया।


आज दिनांक को आयोजित लोक अदालत में पक्षकारगणों को गठित खण्डपीठों द्वारा दी गई समझाईश के उपरांत पक्षकारगण अपने-अपने प्रकरणों को समाप्त करने के लिए राजी हुए। पक्षकारगणों को उनके राजीनामें करने पर प्रकरण समाप्त होने पर स्मृति स्वरूप फलदार वृक्ष भेंट किए गए तथा उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ विदा किया गया।  

सफलता की कहानी क्रमांक 01

लोक अदालत में 20 वर्ष पुराना प्रकरण हुआ निराकृत, मामले से छुटकारा पाकर पक्षकारगण हुए खुष।

20 वर्ष से चला आ रहा था कुत्ते की मौत से संबंधित प्रकरण, लोक अदालत में मिला न्याय

माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष/अध्यक्ष महोदय श्री अरविंद रघुवंषी के मार्गदर्षन में आज दिनांक 13.09.2025 को आयोजित वर्ष 2025 की तृतीय नेशनल लोक अदालत में माननीय प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, हरदा श्री तनवीर अहमद खान के न्यायालय में 20 वर्षों से लंबित मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण क्रमांक 35/2004 का अंतिम निराकरण उभयपक्ष के मध्य राजीनामा के आधार पर हुआ।

प्रकरण के तथ्य अनुसार घटना दिनांक 30.05.1996 को प्रातः लगभग 09ः30 बजे आवेदक उधो पिता राजाराम अपने कुत्ते टाईगर के साथ घर के सामने खडे थे। तभी अनावेदक दिनेष पिता मन्नूलाल तेज रफ्तार से स्कूटर चलाकर कर लाया तथा आवेदक के कुत्ते पर स्कूटर चढा दिया। कुत्ते की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के संबंध में आवेदक द्वारा आरक्षी केन्द्र हरदा में रिपोर्ट दर्ज करायी गई। आवेदक द्वारा उसके उक्त कुत्ते की मोटरयान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के कारण एक लाख रूपये प्रतिकर राशि व 18 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि दिलाये जाने हेतु मोटर दुर्घटना दावा अधिकराण् के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण में दिनांक 23.08.2004 को आदेश पारित कर आवेदक को कुल 8000 रूपये क्षतिपूर्ति राषि मय 9 प्रतिषत ब्याज दिलाये जाने आदेषित किया गया। उक्त आदेष से असंतुष्ट होकर अनावेदक मनोज कुमार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष सिविल रिव्हीजन क्रमांक 642/04 (दिनेश कुमार व अन्य विरूद्ध उधो सोनकर) प्रस्तुत की गई थी। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उक्त रिवीजन प्रकरण में आदेश दिनांक 08.01.2024 के द्वारा उक्त राषि को घटाकर 4000 रूपये मय ब्याज अनावेदक द्वारा आवेदक को प्रतिकत स्वरूप प्रदान किये जाने हेतु आदेषित किया गया। 

उभयपक्ष को उक्त प्रकरण में माननीय न्यायालय श्री तनवीर अहमद खान के द्वारा लोक अदालत के पूर्व समझाईश दी गई। उभयपक्ष द्वारा समझाईष के आधार पर आपसी सहमति से बिना किसी भय अथवा दबाव के राजीनामा करना स्वीकार किया। राजीनामा अनुसार अनावेदक द्वारा आवेदक को रूपये 4000 का भुगतान किया गया। 

इस प्रकार उभयपक्ष के मध्य आज लोक अदालत में राजीनामा होने के परिणामस्वरूप विवाद का अंत हुआ। उभयपक्ष को माला पहनाकर व फलदार पौधे भेंट कर सम्मानित किया गया। दोनों पक्ष वर्षों से चले आ रहे विवाद से लोक अदालत में छुटकारा पाकर खुषी-खुषी अपने-अपने घर के लिए न्यायालय से विदा हुए।

साथ ही दोनों पक्षकारों को पौधे देकर, एक स्मृति के रूप में देकर न्यायालय से खुशी-खुशी विदा किया गया। इस प्रकार प्रकरण का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। इस प्रकार लोक अदालत में बिना किसी एक पक्ष की जीत या हार के दोनों पक्षों को न्याय मिला।

सफलता की कहानी क्रमांक 02

माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अरविंद रघुवंशी के मार्गदर्शन में आज दिनांक 13.09.2025 को वर्ष की तीसरी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें आवेदिका (पत्नि) और अनावेदक (पति) की शादी मुस्लिम रीति-रिवाज अनुसार दिनांक 18.06.2019 को ग्राम पिडगांव से सम्पन्न हुई थी। दोनों के वैवाहिक संबंध से 2 लड़कियां पैदा हुई, जिनकी उम्र क्रमशः 3 वर्ष और 6 माह है। पति, पति के परिवार एवं पत्नी के बीच में वैचारिक मतभेद होने से पत्नी अपने दोनों बच्चों को लेकर अपने मायके चली गई पत्नी ने स्वयं एवं अपनी पुत्रियों के भरण-पोषण हेतु श्रीमान प्रधान न्यायाधीश महोदय, कुटुम्ब न्यायालय, हरदा के न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। पति की उपस्थिति पश्चात् पीठासीन अधिकारी श्री सुधीर कुमार चैधरी प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय की कुशल समझाईश के परिणामस्वरूप पति-पत्नि अपनी पुत्रियों सहित साथ में रहने के लिए राजी हुए। उन्होंने मेल-मिलाप कर आगामी जीवन शांतिपूर्ण व्यतीत करने का निर्णय लिया। इस प्रकार उभयपक्ष के मध्य आपसी सहमति से बिना किसी भय अथवा दबाव के प्रकरण की कार्यवाही समाप्त की गई। उक्त प्रकरण के निराकरण में अधिवक्ता श्री अखिलेश राठौर, श्री संजय पाराशर व पैरालीगल वाॅलेंटियर सायरा खान की सराहनीय भुमिका रही।


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