पाचोड़ से शिवाजी तांबे की रिपोर्ट —
आगामी जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों की पृष्ठभूमि पर पाचोड़ समूह और गण क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। कई नेता जन्मदिन, वास्तुशांति और त्योहारों के बहाने जनता से मुलाकातें कर रहे हैं और इस माध्यम से मतदाताओं की नब्ज़ टटोलने का प्रयत्न कर रहे हैं।
इस बार पाचोड़ समूह की सीट सर्वसाधारण पुरुष वर्ग के लिए आरक्षित है, इसलिए यहाँ सांसद संदीपान भुमरे के भतीजे और विधायक विलास भुमरे के चचेरे भाई, पाचोड़ के सरपंच शिवराज भुमरे को टिकट लगभग तय मानी जा रही है। वहीं, पाचोड़ गण की सीट सर्वसाधारण महिला के लिए आरक्षित होने से यहां कई इच्छुक कार्यकर्ताओं ने सक्रियता बढ़ा दी है। इससे यह स्पष्ट है कि टिकट वितरण के समय सांसद संदीपान भुमरे और विधायक विलास भुमरे के लिए सिरदर्द बढ़ना तय है।
इस बार वडजी गांव पाचोड़ समूह और गण दोनों में शामिल होने के कारण वहां के शिवसेना कार्यकर्ता पंचायत समिति की टिकट पाने के लिए जोर लगा रहे हैं। पिछली बार पाचोड़ समूह से जिला परिषद में विलास भुमरे और गण से पंचायत समिति के लिए कृष्णा भुमरे भारी मतों से विजयी हुए थे। मगर इस बार हालात बदले हुए हैं — सांसद संदीपान भुमरे ने महा-यूती की ओर से छत्रपती संभाजीनगर लोकसभा सीट जीती, और विधायक विलास भुमरे ने पैठण विधानसभा क्षेत्र में बड़ी जीत दर्ज की है। इसलिए जिला परिषद की सीट पर शिवराज भुमरे का दावा मजबूत माना जा रहा है।
लेकिन पंचायत समिति के लिए पाचोड़ गण से टिकट पुराने नेताओं को मिलेगी या नए चेहरों को मौका दिया जाएगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
संभावित उम्मीदवारों में बढ़ी हलचल
इस समय पाचोड़ गण में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। शिवसेना की ओर से कई नाम चर्चा में हैं —
पाचोड़ के उपसरपंच शिवाजी भालसिंगे की पत्नी आश्विनी भालसिंगे,
मुरमा की सरपंच उषा दिनकर मापारी,
वडजी की सरपंच अलका भाऊसाहेब गोजरे,
कैलास भांड की पुत्रवधू मोनिका प्रशांत भांड —
ये सभी संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं।
अब देखना यह है कि सांसद संदीपान भुमरे इनमें से किसके सिर पर हाथ रखते हैं, या फिर किसी नए चेहरे को मौका देते हैं।
गांव-गांव में उम्मीदवारों की चर्चाओं का माहौल गर्म है। हालांकि अभी “पुल के नीचे बहुत पानी बहना बाकी है”, यानी अभी फैसला होना बाकी है कि किस दल से और किस गुट से उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे। लेकिन इतना तय है
