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अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों में पहुंची विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम, सैकड़ों ग्रामीण हुए लाभान्वित -NN81

 


नारायणपुर छत्तीसगढ़ 

 खुमेश यादव 

 नियद नेल्ला नार योजना के तहत चार दुर्गम गांवों में आयोजित हुआ स्वास्थ्य शिविर

नारायणपुर, 22 नवम्बर 2025 // राज्य सरकार द्वारा दुर्गम अबूझमाड़ के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य को नई गति मिली, जब 21 नवम्बर को नियद नेल्ला नार योजना के तहत कस्तुरमेटा, बेड़माकोटी, कांदुलनार और ईरकभट्टी में विशेष स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं के निर्देशन में लगे इन शिविरों में घने जंगलों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच रहने वाले ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचे। प्रत्येक शिविर में सैकड़ों ग्रामीणों ने उपचार, जांच और दवाइयों का लाभ उठाया, जिससे लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं की प्रतीक्षा कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिली।

शिविरों में आए ग्रामीणों में सबसे ज्यादा मामले मलेरिया, वायरल बुखार, खांसी-जुकाम, पेट दर्द, एनीमिया और त्वचा संक्रमण की बीमारी सामने आयी। डॉक्टरों ने मौके पर ही जांच कर इनके लिए आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराईं। कई मरीजों के ब्लड टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और मलेरिया रैपिड टेस्ट भी किए गए। बच्चों में कुपोषण और महिलाओं में रक्ताल्पता के मामलों पर विशेष ध्यान दिया गया तथा आयरन, कैल्शियम और पोषण दवाइयां वितरित की गईं। ग्रामीणों ने बताया कि पहली बार उन्हें एक ही जगह पर इतनी व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं मिलीं।

यह शिविर उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए, जिन्हें अब तक विशेषज्ञ डॉक्टरों और जांच सुविधाओं तक पहुंच नहीं मिल पाती थी। यहां आए ग्रामीणों की मौके पर ही जांच, उपचार, परामर्श और निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। कई ग्रामीणों ने पहली बार विशेषज्ञ डॉक्टरों से सीधे परामर्श प्राप्त किया। जिन लोगों के आयुष्मान कार्ड नहीं थे, उनका पंजीयन शिविर स्थल पर ही किया गया, जिससे भविष्य में गंभीर बीमारियों के लिए भी निःशुल्क उपचार का मार्ग खुल गया।

रायपुर से डॉक्टर अविनाश और डॉक्टर धीरेन्द्र, कोण्डागांव से डॉक्टर हिमाशी और डॉक्टर कुमुत खरे, कांकेर से डॉक्टर रविन्द्र वट्टी और डॉक्टर कुमार सानू साहू तथा नारायणपुर से डॉक्टर धनराज सिंह और डॉक्टर जितेन्द्र दुग्गा की टीमों ने पूरे दिन मरीजों की जांच और उपचार किया। विशेषज्ञों की उपस्थिति ने ग्रामीणों में भरोसा बढ़ाया और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच के प्रति एक सकारात्मक संदेश दिया।

कस्तुरमेटा का शिविर पुलिस थाना आकाबेडा अंतर्गत आईटीबीपी 53वीं वाहिनी कैम्प में, बेड़माकोटी का शिविर पुलिस थाना कोहकामेटा अंतर्गत आईटीबीपी 41वीं वाहिनी कैम्प में, कांदुलनार का शिविर पुलिस थाना सोनपुर अंतर्गत बीएसएफ 133वीं वाहिनी कैम्प में और ईरकभट्टी का शिविर पुलिस थाना कोहकामेटा अंतर्गत बीएसएफ 135वीं वाहिनी सुरक्षा बल कैम्प में आयोजित हुआ।

यह पहल केवल उपचार देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि स्वास्थ्य-सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का भी अवसर बनी। ग्रामीणों ने उच्च स्तर की चिकित्सा सेवाएं अपने गांव के निकट पाकर इसे सरकार की बड़ी राहत बताया। राज्य सरकार का यह प्रयास साबित करता है कि स्वास्थ्य सेवाएं अब दूरी की बाधाओं से मुक्त होकर सीधे जरूरतमंदों तक पहुंच रही हैं। यह अभियान अबूझमाड़ में स्वास्थ्य न्याय के नए युग की शुरुआत है।

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