राजनांदगांव।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव निखिल द्विवेदी ने मुख्यमंत्री विष्णु साय सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि राज्य में प्रशासनिक जिम्मेदारियों का बंटवारा तुगलकी तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों से बीएलओ का काम और स्कूल मास्टरों से कुत्ता रखवारी का काम यह सरकार किस दिशा में जा रही है।
श्री द्विवेदी ने आरोप लगाया कि प्रदेश की मौजूदा सरकार कर्मचारियों का मनोबल गिराने वाले फैसले ले रही है। उनके अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों की देखभाल और पोषण कार्यक्रम की जगह बीएलओ मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य सौंप दिया गया है। वहीं स्कूल शिक्षकों को पढ़ाई छोड़कर चौकीदारी रखवाली जैसे जिम्मे सौंपे जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इससे न तो शिक्षा व्यवस्था सुधरेगी और न ही जनहित के लिए बने सामाजिक कार्यक्रमों में गुणवत्ता आएगी। जनता परिवर्तन की उम्मीद के साथ इस सरकार को लाई थी लेकिन इस समय फैसले जमीन पर परेशानी बढ़ा रहे हैं। कर्मचारियों की क्षमता का दुरुपयोग कर सरकार अपना ही नुकसान कर रही है। यह तुगलकी फरमान अब बर्दाश्त के बाहर है। उनके बयान के बाद कर्मचारी संगठनों में भी इन आदेशों को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है।कर्मचारियों को उनकी मूल जिम्मेदारी से हटाकर असंगत कार्य न दिए जाएं। शिक्षा, पोषण और प्रशासनिक व्यवस्था को पटरी से उतारने वाले निर्णयों पर तुरंत पुनर्विचार हो विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथोंहाथ लिया है जबकि सरकार की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हालांकि माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा विधानसभा तक भी पहुँच सकता है।
