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कलेक्टर के आदेश पर सीएमएचओ ने दीप ऑप्टिकल किरनापुर में दी दबिश - NN81


लांजी, बालाघाट

खेमराज सिंह बनाफरे

लांजी। किरनापुर के दीप ऑप्टिकल आई केयर एवं जबलपुर सुखसागर मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल द्वारा गरीब मरीजों के आयुष्मान कार्ड से राशि निकाले जाने के मामले में आज कलेक्टर बालाघाट मृणाल मीना ने संज्ञान लेते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी परेश उपलप को मामले की जांच के आदेश दिये थे। जिसके बाद सीएमएचओ द्वारा किरनापुर के दीप ऑप्टिकल आई केयर पहुंचकर इस संबंध में जानकारी हासिल की और दुकान संचालक को नि:शुल्क ऑपरेशन कराये जाने एवं इस संबंध में प्रशासन की अनुमति का लेटर मांगा गया जिसके बाद दीप ऑप्टिकल्स आई केयर किरनापुर के संचालक द्वारा इस संबंध में गोलमोल जवाब देते हुए क्षेत्र के विधायक राजकुमार कर्राहे द्वारा अनुमति देने की बात कही गई। वहीं इस मामले में विधायक श्री कर्राहे ने कहा की हमारे द्वारा ऐसी कोई अनुमति किसी भी संस्था या दुकान संचालक को नहीं दी गई। क्षेत्र के गरीब मरीजों के साथ अगर कोई इस तरह की धोखाधड़ी करता है तो प्रशासन उस पर सख्त कार्यवाही करे जिसमें हमारा पूर्ण सहयोग उन्हें मिलेगा।


यह है पूरा मामला....

उल्लेखनीय है की किरनापुर के दीप ऑप्टिकल्स आई केयर एवं  लांजी क्षेत्र के कुछ ग्रामीण चिकित्सकों द्वारा जबलपुर के सुखसागर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल द्वारा पिछले कुछ वर्षों से लांजी किरनापुर विधानसभा क्षेत्र के गरीब मरीजों को नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर कैंप लगाकर जबलपुर में ऑपेरशन किया जाता है और मरीजों के आधार एवं आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर राशि निकालने का कृत्य किया जा रहा था, जिसकी शिकायत नहीं होने के कारण यह कार्य पिछले कुछ वर्षों से लगातार जारी था, परंतु बीते दिनों किरनापुर तहसील के पीपलगांव निवासी मानिक अवसरे द्वारा अपने साथ हुई आप बीती के बारे में मीडिया के समक्ष बताया गया और आयुष्मान कार्ड से राशि निकाले जाने की जानकारी दी। जिसके बाद पूरा मामला प्रकाश में आया। इस मामले में ग्राम पीपल गांव निवासी मानिक लाल अवसरे ने बताया कि दीप ऑप्टिकल के संचालक दीप रामटेके और झोलाछाप डॉक्टर श्री बावनकर ने गांव में आकर निशुल्क जांच का प्रलोभन दिया और जबलपुर के सुखसागर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में ले जाकर प्राइवेट इलाज करवाया। इस दौरान मरीजों से फिं गरप्रिंट लेकर आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग किया गया। पीडि़त मरीजों ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के बाद भी उनकी आंखों में कोई सुधार नहीं हुआ है और आयुष्मान कार्ड से राशि निकाल ली गई है। वहीं अन्य शारीरीक समस्याओं से ग्रस्त हो गए है।

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