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Mangal Ki Mahadasha: मंगल की महादशा किन राशियों के लिए होती है शुभ, कैसे मिलते हैं परिणाम? जानें - NN81 - NN81


 

Why Ganga Water Is Considered So Pure: गंगाजल को हिंदू धर्म में अमृत तुल्य माना जाता है। शुद्धता के लिए गंगाजल का उपयोग किया जाता है। गंगा नदी का जल घर में रखने और उपयोग करने के लिए कुछ जरूरी नियम होते हैं, जिन्हें मानने से शुभ फल कई गुना बढ़ जाता है।

Why Ganga Water Is Considered So Pure: सनातन परंपरा में मां गंगा और उनके पवित्र जल का अत्यंत महत्व माना गया है।  ​गंगा जल की पवित्रता और अहमियत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जन्म से लेकर मृत्यु तक हर शुभ कर्म में गंगाजल का प्रयोग होता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में वर्णित है कि गंगाजल का स्पर्श पाने से व्यक्ति के तन, मन और आत्मा को पवित्रता प्राप्त होती है। चलिए जानते हैं कि हिंदू धर्म में गंगाजल को आखिर क्यों इतना पवित्र माना जाता है। इसके साथ ही घर में गंगाजल को संग्रहित करके रखने के नियम भी जानेंगे। 

क्यों माना जाता है गंगाजल पवित्र?

हिंदू मान्यता के अनुसार गंगा का उद्भव भगवान श्री विष्णु के चरणों से हुआ है, इसलिए इसे चरणामृत कहा जाता है। गंगाजल का स्पर्श मिलते ही व्यक्ति पवित्र हो जाता है। यह केवल शरीर ही नहीं, मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि गंगा जल का दर्शन, स्पर्श और सेवन व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाता है।

गंगाजल की वैज्ञानिक पवित्रता

धर्म ग्रंथों में लिखा गया है कि गंगा नदी का पानी संग्रहित करके रखने पर भी कभी खराब नहीं होता है। कई वैज्ञानिक रिसर्च में यह सामने आया है कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया को मारने का अद्भुत गुण है। गोमुख से निकलने वाला गंगा जल अपनी प्राकृतिक यात्रा के दौरान अनेक खनिजों और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के तत्वों को अपने साथ लेकर चलता है। यही कारण है कि वर्षों तक रखने पर भी गंगाजल खराब नहीं होता। इसे रोगों से मुक्ति और मानसिक शांति का स्रोत भी माना गया है।

साइंटिफिक तौर पर यह सिद्ध हो चुका है कि गंगा नदी के पानी में वातावरण से ऑक्सीजन सोखने की अद्भुत क्षमता पायी जाती है। वहीं, गंगा जल में प्रचूर मात्रा में गंधक पाए जाने के कारण यह लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसमें कीड़े नहीं पनपते हैं। इसी वजह से हमारे ऋषियों ने गंगा जल को इतना पवित्र माना है।

गंगाजल के उपयोग से जुड़े धार्मिक लाभ

गंगाजल का आचमन करने वाला व्यक्ति व्याधियों, नकारात्मकता और अकाल मृत्यु के भय से मुक्त रहता है। किसी भी पूजा, यज्ञ, संस्कार और शुभ कार्य की शुरुआत गंगाजल से करने का विशेष महत्व बताया गया है।

घर में गंगाजल रखने के नियम

  • गंगाजल हमेशा तांबे या पीतल के पात्र में ही रखें।
  • इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में रखना सबसे शुभ माना जाता है।
  • गंगाजल को अंधेरे या गंदे स्थान पर न रखें।
  • इसे कभी भी अपवित्र हाथों से स्पर्श न करें।
  • प्लास्टिक के बर्तन में गंगाजल रखने से इसका प्रभाव कम हो जाता है।

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