भीलवाड़ा = राजीविका की ओर से जिला कलक्टर श्री जसमीत सिंह संधू की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में डे-एनआरएलएम (ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार) से प्राप्त परामर्शानुसार “नई चेतना 4.0-बदलाव की” अभियान के अंतर्गत 25 नवम्बर से 23 दिसंबर 2025 तक आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम के संबंध में विभागीय जिला स्तरीय अधिकारियों की अभिसरण बैठक संपन्न हुई, जिसमें अभियान के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई।
जिला कलक्टर श्री जसमीत सिंह संधू ने निर्देशित किया कि इस महत्वपूर्ण अभियान को स्वयं सहायता समूहों, ग्राम संगठनों एवं क्लस्टर लेवल फेडरेशनों के माध्यम से व्यापक स्तर पर धरातल तक पहुँचाया जाए तथा समाज में जेंडर संवेदनशीलता पर विशेष बल दिया जाए।
जिला परियोजना प्रबंधक राजीविका, श्री नागेन्द्र कुमार तोलंबिया ने बताया कि इस वर्ष अभियान की थीम “महिलाएं अग्रणी भूमिका में-समावेशी विकास हेतु आर्थिक सशक्तिकरण की ओर विकसित ग्रामीण भारत” निर्धारित की गई है। अभियान का उद्देश्य “घर का काम- सबका काम” की सोच विकसित करते हुए महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से जेंडर आधारित भेदभाव एवं हिंसा का समाधान करना है।
राजीविका जिला प्रबंधक श्री राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान गांव, क्लस्टर एवं ब्लॉक स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में सभी विभागों के समन्वय से समुदाय आधारित दैनिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें जेंडर प्रतिज्ञा, रैलियां, नाटक प्रदर्शन, परंपरागत खेलों को बढ़ावा, रंगोली प्रतियोगिता, “मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी”, “मेरा गांव-आदर्श गांव” विषय पर निबंध लेखन तथा उत्कृष्ट प्रतिभाओं का सम्मान सम्मिलित है।
यह अभियान पूर्व से संचालित तीन दिवसीय जेंडर अभियान तथा पोषण सखियों की सक्रिय भूमिका से और अधिक सशक्त किया जाएगा, जिसमें तीसरे दिन सभी गांवों में एक जेंडर फोरम का गठन किया जाएगा, जो गांव एवं समूह की बहनों की आवाज़ को बुलंद करने में कारगर सिद्ध होगा।
अभियान का मूल उद्देश्य जेंडर असमानता, हिंसा एवं भेदभाव की समझ को मजबूत करना, सुरक्षित गतिशीलता सुनिश्चित करना, संसाधनों पर महिलाओं की समान पहुंच, निर्णय क्षमता में सहभागिता, सम्मान और सुरक्षित समाज का निर्माण करना है।
बैठक में सभी जिला स्तरीय अधिकारी, जिला एमआईएस राजीविका श्री जितेन्द्र पाल सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। महिला सम्मान, समानता एवं सुरक्षित समाज की सामूहिक शपथ के साथ समापन हुआ।
