संवाददाता Dev Karan Mali Press
विधायक कोठारी की अनुशंषा को सरकार ने माना
शहर केविकास व नए भीलवाड़ा के निर्माण हेतु यूआईटी के प्रस्तावित ई-2 प्लान को सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया है। सरकार द्वारा अपने आदेश में ई-2निरस्तीकरण के साथ-साथ कई निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने हेतु यूआईटी सचिव कोआदेशित किया है। भीलवाड़ा के विधायक द्वारा इस विषय पर पूर्व में मुख्यमंत्री, स्वायत्त शासन मंत्री, शासन सचिवको पत्र लिख एवं व्यक्तिगत भेंट कर समस्त विषयों की जानकारी दी। सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों में उन्हीं बातों को दोहराया है। जिसमें मुख्य रूप से यह कहा गया है कि भूमि लैण्ड पुलिंग कान्सेप्ट के अंतर्गत उपयोग में लाई जाए।
योजना का क्रियान्वयन इस प्रकार हो कि भीलवाड़ा के आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बहुउद्देशीय दृष्टिकोण से कियाजाए। वर्तमान में जितने भी राजकीय कार्याालय हैं उनका स्थानान्तरण एक साथ किया जाए। जिससे सुरक्षित शासन व्यवस्था प्राप्त हो सके। प्रधानमंत्री मोदी के मॉडल स्मार्टसिटी की परिकल्पना पीपीपी मॉडल से साकार की जा सके। सरकार ने उक्त प्लान को न्यू भीलवाड़ा की संज्ञा दी है तथा न्यास के सचिव को निर्देशित किया है कि वर्तमान स्थितियां भविष्य के विजन पर 15 दिनों में कंसल्टेंट नियुक्त कर रिपोर्ट नगरीय विकास विभाग को भिजवाई जाए।
ज्ञात रहे कि इस विषयपर राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर खण्डपीठ द्वारा रिट पीटिशन में दिनांक 27 अगस्त, 2025 को भी सरकार को उक्त प्लान की पुनः समीक्षा हेतु आदेशित किया था। उक्त प्लान के जारी होते ही भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी द्वारा समय-समय पर पत्राचार व व्यक्तिगत भेंटकर प्लान की कमियों के बारे में सरकार को अवगत कराया तथा यह बात भी उठाई की भीलवाड़ा एक औद्योगिक नगरी है व वर्तमान में शहर में भूमि की उपलब्धता कम होने सेआगामी 50 वर्षों के लिए न्यू भीलवाड़ा का विकास इसी प्लान के अंतर्गत किया जा सकता है।जिससे भीलवाड़ा सुव्यवस्थित व आधुनिक नगर के रूप में विकसित हो सके। सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश में न्यू भीलवाड़ा की परिकल्पना को जोड़कर विधायक कोठारी के द्वारा दिए गए सुझावों को अमली जामा पहनाया गया है।
