मध्यप्रदेश शिवपुरी से नितिन राजपूत जिला ब्यूरो
पोहरी तहसील के भैंसरावन के जंगल में बड़े पैमाने पर सागवान के पेड़ो की कटाई लगातार बढ़ रही है जिस से जंगल धीरे धीरे साफ होते नजर आ रहे है। जानकारी के अनुसार भैंसरावन ग्राम पंचायत के आदिवासी बस्ती धतुरिया से लगा हुआ जंगल में सागवान और बाकी चीजों के बड़े ओर पुराने पेड़ लगे हुए है। यह जंगल राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है जिस से लोकल के कुछ लोग वन विभाग से मिल के पेड़ो को कटवा कर राजस्थान बेच रहे है। मार्केट मै सागवान पेड़ की कीमत 1500 रुपए स्क्वेयर फुट है एक पेड़ की कीमत लगभग 8 हजार के करीब होती है जिस से तस्करों को बहुत फायदा होता है। कीमत का बड़ा हिस्सा बन विभाग के लोगों द्वारा लिया जाता है जिस से अभी तक कोई करवाई नहीं की गई है अभी तक।
जानकारी के अनुसार भैंसरावन के आसपास कई किलोमीटर का विशाल जंगल स्थित है जो कि कीमती पेड़ो से भरा पड़ा हुआ है।
तस्करों के हौसले इतने बुलंद है कि जंगल में लकड़ी लेने ट्रैक्टर ट्रॉली से जाते है और बड़े पैमाने पर तस्करी करते आ रहे है जब जंगल के अंदर देखा गया तो इस मै कई जगह लकड़ियों के ढेर छुपा के रखे हुए है और रात के अंधेर में ट्रॉली के द्वारा इसे पार कर राजस्थान ले जाकर बेच दिया जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह जंगल तो पिछले कई सालों से ऐसे ही कट रहे है डिप्टी रेंजर कन्हैया राजे और नाकेदार अंकित पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों को बड़ी मोटी रकम मिलती है और इस की शिकायत भी हम लोग कर चुके है डीएफओ शिवपुरी को पर एक माह से ज्यादा हो गया फिर भी किसी ने इधर ध्यान ही नहीं दिया।
जनता का यह भी कहना है कि डिप्टी रेंजर 2 साल पहले नाकेदार के पद पर भी इस बीट पर रह चुके है तब भी बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए थे और अब फिर वापस यहां आए है तो दोबारा से बही खेल शुरू हो गया है।
जब इस पर डिप्टी रेंजर कन्हैया राजे से बात की गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली और कहा कि मैं मिलने आ रहा हूं आप कुछ मत करना पर इस कांड का जवाब भी नहीं दे पाए सही से।
कुछ दिनों पहले भी ऐसा ही मामला आया था सामने जिस मै इंदुरकी के जंगल में भी कीमती पेड़ कट रहे थे तब भी वहां के नाकेदार पर आरोप लगे थे मिले होने के पर किसी प्रकार की कोई कारवाही नहीं की गई जिस से तस्करों के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे है।
