लालशेखर सिंह-ब्यरो
प्रतापगढ़-पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज के कृपापात्र शिष्य पूज्य राजन महाराज के व्यासत्व में परानूपुर, कुंडा श्रृंगवेरपुर, प्रतापगढ़ में 11 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक प्रति दिन अपराह्न 3 से साँय 7बजे तक आनंद पांडे के संकल्प और लोकप्रिय विधायक कुँवर रघुराज प्रताप सिंह(राजा भैया)के संरक्षण में चल रही दिव्य श्रीरामकथा में पूज्य राजन महाराज ने कहा किसी के विकास को देखकर प्रसन्न होना ही देवत्व है अतः अभाव में भी रहकर दूसरे की उन्नति को देखकर प्रसन्न रहना चाहिए। उत्तर प्रदेश की भूमि को धन्य बतलाते हुए कथा व्यास ने निवेदित किया कि यहाँ भगवान राम और कृष्ण अवतरित हुए और आगे भी कल्कि अवतार में यहीँ आयेंगे।किसी कार्य के लिए श्रेष्ठ द्वारा दिया गया आदेश ही हमारे कार्य को सफल करवा देता है।आशीर्वाद का स्वभाव होने पर हम अपने श्रेष्ठ से दूर रहकर भी उसे प्राप्त कर सकते हैं।किसी का मन मिलना कठिन होता है यदि किसी का मन मिल जाए तो उसका तन और धन स्वतः प्राप्त हो जाता है। प्रेम के प्रभाव को बतलाते हुए राजन महाराज ने लोकप्रिय भजन "ये तो प्रेम की बात है ऊधव" सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया।
हृदय में जो बसा होता है उससे प्रेम करने वाला कभी समय नही देखता है।मानस का सार ही है प्रेम है मानस की पंक्ति कहती है.. रामहिं केवल प्रेम पियारा..।
राजन महाराज ने भगवान परशुराम-लक्ष्मण संवाद प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि. भगवान कहते हैं ब्राह्मण में निष्ठा रखने वाला अभय हो जाता है।
राजन महाराज ने कथा प्रसंग को विस्तार देते हुए बताया कि जनक दरबार से विवाह हेतु बरात का निमंत्रण पत्र लेकर दूत अयोध्या चक्रवर्ती दशरथ जी के यहाँ पहुँचकर धनुषयज्ञ का प्रसंग सुनाते हैं, सुनकर प्रसन्न भाव से चक्रवर्ती महाराज गुरु वशिष्ठ को यह संदेश देने स्वयं जाते है यह कथा सुंदर जीवन सूत्र प्रदान करती है कि, जहाँ बहुत नियम हो जाये वहाँ प्रेम समाप्त हो जाता है।जिस मनुष्य के कारण हमारे जीवन में आनंद उपस्थित होता हो उस व्यक्ति का चिंतन सर्व प्रथम करना चाहिए।धर्मशील व्यक्ति के जीवन में सुख सम्पत्ति का आगमन स्वयं हो जाता है।
इस प्रकार मानस महाकुम्भ में उमड़े अपार श्रद्धालुओं के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चकों में शुमार राजेश पाठक, गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह, अयोध्या के संत बलरामदास महाराज, डी. आई. जी.राधा कृष्ण.मिश्रा ,सुप्रसिद्ध गायक रवि त्रिपाठी आदि गणमान्य जनों ने भी मानस महाकुंभ में अवगाहन का लाभ प्राप्त किया।
