भारतीय किसान संघ के कड़े स्वर,सरकार को कानून निरस्त करने दी 15 दिन की मोहलत,बिना परमिशन गजट नोटिफिकेशन जारी होने से भड़का आक्रोश
जबलपुर। नए लैंड पुलिंग एक्ट पर अब भारतीय किसान संघ और राज्य सरकार के बीच सीधी टक्कर की नौबत आ गयी है। आज ही भारतीय किसान संघ की ओर से सीएम मोहन यादव से कहा गया है कि वे नए अधिनियम पर अपना मत स्पष्ट करें वरना संघ सड़क पर आंदोलन करने को विवश होगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने अपने बयान में कहा है कि इस मामले में भारतीय किसान संघ बारम्बार अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है। यहां तक कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष भी राज्य सरकार और संघ की ओर से पक्ष रखा जा चुका है,लेकिन इसके बावजूद लैंड पुलिंग एक्ट के तहत उज्जैन के सिंहस्थ मेला परिसर में बिना जानकारी और अनुमति के किसानों की जमीन के अधिगृहण का नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
-पूरे प्रदेश के किसानों को होगी मुश्किल
संघ द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, लैंड पुलिंग एक्ट भले ही अभी उज्जैन में प्रभावी है,लेकिन एक दिन ये पूरे प्रदेश के किसानों के लिए मुश्किलें लेकर आएगा। संघ की आपत्ति इस बात पर है कि मेला क्षेत्र में स्थायी निर्माण न किया जाए,क्योंकि ऐसे में किसान खेती नहीं कर सकेंगे। अधिगृहण की प्रक्रिया को भी अस्थायी रखा जाए यानी मेला समाप्त होने के बाद किसान अपनी जमीन पर पुनःखेती कर सकंे। कुछ माह पहले ही किसान संघ के केंद्रीय अधिकारी अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने उज्जैन आकर स्थिति स्पष्ट कर दी थी। संघ ने कहा कि अब वार्ताओं का दौर समाप्त हो गया है। सरकार 15 दिन के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दे।
-हमें कम न आंके सरकारःसंघ
किसान संघ की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार संघ की शक्ति को कम आंकने की भूल कर रही है,जिससे सरकार मुश्किल में घिर सकती है। लैंड पुलिंग कानून के खिलाफ प्रदेश के तीनों प्रांतों में कार्यकर्ताओं के जनजागरण का कार्य पूर्ण हो गया है। पूरे प्रदेश में किसान संघ की आंदोलन के लिए संगठनात्मक तैयारी पूरी हो गई है। मध्यप्रदेश में तीनों प्रांत में किसान संघ के 15 लाख से अधिक सदस्य है और 12 हजार गांवों में किसान संघ की ग्राम समितियां हैं। जो कि किसान संघ की एक पुकार पर सड़को पर आ जाएंगे।
