गड़चिरोली, 15 अक्टूबर:
नक्सलवादी आंदोलन के इतिहास में एक ऐतिहासिक और निर्णायक घटना घटी है। नक्सलवादी संगठन के सर्वोच्च बौद्धिक नेता और दूसरे नंबर के महत्वपूर्ण नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ सोनू ने और उनके साथ लगभग 60 नक्सलवादियों ने गड़चिरोली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह घटना नक्सलवादी आंदोलन के लिए बड़ा झटका है और देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है।
आधिकारिक आत्मसमर्पण समारोह:
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भूपति और ये सभी नक्सलवादी 16 अक्टूबर को एक समारोह में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के समक्ष आधिकारिक रूप से हथियार डालकर आत्मसमर्पण करेंगे। भूपति ने रात में देर से गड़चिरोली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया, लेकिन इसका औपचारिक समारोह मुख्यमंत्री की उपस्थिति में होगा।
भूपति का महत्व:
देशभर में भूपति पर 10 करोड़ से अधिक का इनाम घोषित।
नक्सलवादी संगठन का प्रभावशाली रणनीतिकार।
1980 के दशक में संगठन में शामिल, गड़चिरोली जिले के सिरोंचा तहसील से शुरू हुई करियर।
मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी के छोटे भाई।
आत्मसमर्पण करने वालों में लगभग सभी प्रमुख नक्सलवादी केंद्र शामिल।
पत्नी तारका ने पिछले वर्ष ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था।
सुरक्षा और पुनर्वास:
गड़चिरोली पुलिस की लंबे समय तक चल रही कार्रवाई को यह सफलता माना जा रहा है। सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलवादियों को सुरक्षा की गारंटी दी गई है।
संवाददाता.. हस्ते भगत गडचिरोली
