लक्ष्मण रैकवार तेन्दूखेड़ा
तेन्दूखेड़ा-----नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में इन दिनों अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिली भगत से भारतीय अधिनियमों की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है जिससे आम आदमियों के लिये परेशानी बनी हुई है।नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में आवेदक लक्ष्मण रैकवार ने लोक सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नगर में हुए एक लाख रुपये की लागत से सभी कार्यो की सूची एवं लागत से सम्बंधित जानकारी लेने के लिये दिनाक 27/6/2025को आवेदन किया था।इस आवेदन के तारतम्य में लोक सूचना अधिकारी तेन्दूखेड़ा के द्वारा एक पत्र के माध्यम से आवेदक को सूचित किया था कि आवेदन समझ मे नही आया है इसलिये आवेदन निरस्त किया जाता है ।इससे ब्यथित होकर आवेदक ने दिनाक 5/8/25को अपीलीय अधिकारी सयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन सागर से समक्ष अपील प्रस्तुत की जिसकी सुनवाई 21/8/2025को हुई थी जिसमे लोक सूचना अधिकारी स्वयं प्रस्तुत नही हुये बल्कि नगर परिषद के भृत्य को भेज दिया था।इसी दिनाक को अपीलीय अधिकारी के द्वारा यह आदेश दिया था कि15 दिनों के अंदर अवेदक को चाहि गयी जानकारी निशुल्क डाक द्वारा भेजे।लेकिन आदेश में दी गयी समय अवधि बीत जाने के बाद जब जानकारी नही मिली तो आवेदक के द्वारा नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में सहायक लोक सूचना अधिकारी दीपक कोष्ठी से जानकारी मांगी तो उन्होंने जानकारी देने से मना कर दिया।दीपक कोष्ठी ने बताया कि हमारे द्वारा सयुक्त संचालक का आदेश निरस्त कर दिया है जानकारी नही मिल सकती है।ओर आवेदक से उन्होंने बतमीजी से बात की।आवेदक लक्ष्मण रैकवार ने बताया कि नगर परिषद में अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों के द्वारा भारी भ्र्ष्टाचार किया जाता है जिसकी जानकारी नगर परिषद के द्वारा नही दी जाती है।लोक सूचना अधिकारी पीयूष अग्रवाल ने बताया है की हम सहायक लोक सूचना अधिकारी को जानकारी देने के लिये लिखित आदेश करते हैं।