संवाददाता कृष्णा कुमार
सूरजपुर छत्तीसगढ़/सूरजपुर जिले के भैयाथान क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत खाड़ापारा स्थित प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के भास्करपारा कोल माइंस के विषय में ग्राम पंचायत से प्रस्ताव दिए जाने को लेकर ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व बसपा से निष्कासित नेता नरेंद्र साहू ने किया। प्रदर्शन के बाद नरेंद्र साहू द्वारा दिए गए बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है और इसकी तीखी आलोचना भी हो रही है। उसने कहा कि यदि कोई सरपंच प्रस्ताव बनाकर देगा तो उसका नेपाल जैसा हाल कर दिया जाएगा। वहीं आंदोलन के बाद ग्रामीणों द्वारा सरपंच से मारपीट का भी मामला सामने आया है
दरअसल नरेंद्र साहू ने ग्राम पंचायत के प्रस्ताव को लेकर सार्वजनिक रूप से कहा कि यदि कोई भी सरपंच ग्राम पंचायत का प्रस्ताव देगा तो सोच लेना, नेपाल जैसा सभी का हाल होगा। जैसे वहां के प्रधानमंत्री को भागना पड़ा, वैसे ही तुम लोगों की स्थिति हो जाएगी।
अब सोशल मीडिया में वायरल उक्त बयान स्थानीय लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों के लिए स्पष्ट धमकी जैसा है और इसे कई ग्रामीणों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बताया है। धरना-प्रदर्शन में शामिल लोगों की मानें तो वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी राय और प्रस्ताव देने के संवैधानिक अधिकार का उपयोग करते हुए विरोध जता रहे थे।
लेकिन स्थानीय नेता के ऐसे धमकीपूर्ण बयानों से न केवल वे भयभीत हुए बल्कि स्थानीय लोकतंत्र को भी ठेस पहुंचा है। डराने-धमकाने की यह घटना चिंता का विषय बन सकती है।
सरपंच को बाहर बुलाकर पीटा
आंदोलन के बाद कुछ लोग सीधे हो-हल्ला करते हुए सरपंच रामधारी सिंह के घर पहुंच गए। यहां पता चला कि सरपंच की तबियत खराब है, फिर भी उसे जबरन बाहर निकलने को कहा गया। सरपंच के बाहर आते ही वहां उपस्थित लोग मारपीट करने लगे।
इस दौरान बसपा का निष्कासित नेता नरेंद्र साहू भी मौजूद था। लेकिन उनके द्वारा न तो किसी भी व्यक्ति को रोका गया और न ही बीच बचाव किया गया। हालांकि मारपीट के घटना की थाने में किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
