संजू नामदेव हरदा । प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हरदा द्वारा हरदा विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने के निवास पर पहुंचकर उन्हें ज्ञापन सौंपकर वार्ड में स्कूल संचालन में आ रही परेशानियों के संबंध में अवगत कराया जाकर समस्याओं का निराकरण कराए जाने की मांग की गई जिस पर हरदा विधायक डॉ. दोगने द्वारा तत्काल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्राइवेट स्कूल संचालकों की परेशानियों से अवगत कराया एवं तत्काल निराकरण कराए जाने की मांग की गई। हरदा विधायक डॉ. दोगने द्वारा मुख्यमंत्री को प्रेषित किए गए पत्र में लेख किया गया है कि प्राइवेट स्कूल संगठन हरदा द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत कर अशासकीय शालाओं के स्कूल संचालको को विद्यालय के संचालन में आने वाली आर्थिक समस्याओं के संबंध में अवगत कराया जाकर समस्याओं का निराकरण कराए जाने हेतु निवेदन किया गया है, जो की निम्नानुसार है।
आर.टी.ई. नियम के अनुसार प्रतिवर्ष स्कूल की सबसे छोटी कक्षा में 25 प्रतिशत सीट आर.टी.ई. के लिये आरक्षित होती है। उपरोक्त सीटों पर प्रवेशित विद्यार्थियों को शासन के नियमानुसार अशासकीय विद्यालयों द्वारा संपूर्ण वर्ष भर सुचारू पर से शिक्षा प्रदान की जाती है परंतु आज दिनांक तक अशासकीय शालाओं में आर.टी.ई. के तहत निःशुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों पिछले दो वर्षों (2023-24 एवं 2024-25) की फीस प्रतिपूर्ति शासन द्वारा नहीं दी गई। जबकि अशासकीय विद्यालयों ने राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेशानुसार फीस प्रतिपूर्ति संबंधित समस्त कार्यवाही कर प्रपोजल लगभग तय समय सीमा से पूर्व ही जिला शिक्षा केन्द्र में जमा कर दिये है, पंरतु खेद का विषय है कि समस्त कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात भी अशासकीय शालाओं को आर.टी.ई. की फीस प्रतिपूर्ति राशि शासन द्वारा प्रदाय नहीं की गई। जिसके कारण अशासकीय स्कूल के संचालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अति शीघ्र आर.टी.ई. की फीस प्रतिपूर्ति राशि प्रदाय की जावे।
अशासकीय विद्यालयों को आर.टी.ई. की फीस प्रतिपूर्ति की राशि वर्ष में दो बार प्रदान की जावे। जिससे विद्यालयों के मासिक खर्च सरलता पूर्वक चलाये जा सके।
अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में आर.टी.ई. की फीस प्रतिपूर्ति की राशि कक्षा अनुसार बहुत ही कम है। इस हेतु अन्य राज्यों के अनुसार ही मध्यप्रदेश में भी आर.टी.ई. की फीस प्रतिपूर्ति की राशि का भुगतान किया जावे।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हरदा द्वारा प्रस्तुत किए गए ज्ञापन की प्रति पत्र के साथ संलग्न कर आपकी और आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु सादर प्रस्तुत है। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि अशासकीय विद्यालय संचालकों की उपरोक्त समस्याओं को आप अपने संज्ञान में लेकर अति शीघ्र निराकरण कराए जाने का कष्ट करें। जिससे की अशासकीय विद्यालयों के संचालक सुचारू रूप से अपने विद्यालयों का संचालन कर सके।
