लक्ष्मण रैकवार तेन्दूखेड़ा
तेंदूखेड़ा!- दमोह जबलपुर मार्ग तेंदूखेड़ा से पांजी मार्ग पर इन दिनों वाहन चालकों व यात्रियों की ना समझी की वजह व हरकतें वन्यजीवों की जान की दुश्मन बन गई है बीच सड़क के दोनों साइडों पर रोजना दर्जनों की संख्या में बंदरों का झुंड बैठा रहता है जिनको सड़क से निकलने वाले वाहन चालक व राहगीर इन बंदरों को चना नमकीन फल सहित अन्य खाने की सामग्री डालते हैं खाने की सामग्री की लालच में बंदरों की स्थिति यह है कि जैसे ही कोई वाहन चालक सड़क किनारे रुकता या गुजरता है तो बंदरों का झुंड जंगल से निकलकर सड़क पर आ जाते हैं और सड़क पर फेंकी गई खाने की सामग्री खाने लगते हैं ऐसे में सड़क से सरपट तेज रफ्तार से निकलने वाले वाहनों की चपेट मैं आ जाते हैं जिससे आये दिन बंदरों के घायल होने के साथ साथ बंदरों को भारी वाहनों से कुचलने से मौत हो रही है ऐसे ही घटनाक्रम तेंदूखेड़ा से पांजी, सांगा, हर्रई के बीच में अकसर देखी जा सकती है जहां आये दिन बंदर तो घायल व कुचलते है लेकिन राहगीर भी इस दौरान हादसे का शिकार हो जाते हैं ।कल दोपहर करीब साढ़े बारह बजे एक बस में देर सारे फल और सब्जियां जंगल मे डाली गई जो कि दूषित एवम सड़ी हुई थी जिन्हें बन्दर खा रहे थे, इन फल एवम सब्जियों में हानिकारक रसायनों का छिड़काव किया जाता है जो कि इन बन्दरो को नुकसान पहुचा जा सकता है।वैसे किसी भी वन्य प्राणी को कुछ भी खुलाना अपराध की श्रेणी में आता है।यह क्षेत्र तेजगढ़ वन परिक्षेत्र में आता है और कहि भी कोई वीड गार्ड गस्ती करते हुए नही दिखा जो ऐसी गतिविधियों को रोक सके।वहीं सड़कों पर बंदरों की चहलकदमी से दो पहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं वही सड़क किनारे पॉलीथिन में खाद्यान्न सामग्री डालने से पॉलीथिन खाने से वन्य जीव की असमय मौत के ग्रास बन रहे हैं वही पर्यावरण पॉलीथिन की वजह से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है इसी चिंताओं को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने पर्यावरण प्रेमियों के द्वारा सिमटते जंगलों के बीच वन्यजीवों की सुरक्षा वन विभाग के द्वारा यहां से गुजरने वाले यात्रियों को जागरूक करने का वन्यजीव को पॉलीथीन में खाद्य सामग्री के पैकेट नहीं डालने के लिए बड़े बड़े बोर्ड लगाकर जागरूक करना चाहिए ताकि वन्य जीवों को पॉलीथिन में खाने की सामग्री नहीं डाले ताकि खाने की सामग्री में सड़कों पर अचानक से आने वाले बंदरों की वाहन दुर्घटनाओं हो रही मौत पर अकुंश लगा सके वहीं सड़क किनारे पॉलीथिन से प्रदूषित हो रहे वनों को एवं वन्य जीबो कोबचाया जा सकें पॉलीथिन की वजह से जंगलों में आग पकड़ने की घटनाओं से जंगलों को बचाया जा सके वही
