मैहर कमलेश पांडेय
मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी जिन्होंने इस मैहर को अपने खून पसीने से सींचा है हंसती खेलती बगिया के रूप में विकसित किया है उस बगिया को जब कोई मसलने की कोशिश करता है उसे आघात पहुंचाने की कोशिश करता है पीड़ा देने की कोशिश करता है तो आत्मा से कराह निकलती है वेदना होती है इसी वेदना की आवाज को सुनकर एकबार फिर मैहर के जनप्रिय पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने कल मैहर के घंटाघर में विशाल जन आंदोलन कर प्रशासनिक नुमाइंदों को चेताना चाहते हैं कि यह धर्म की नगरी है यहां अधर्म अत्याचार बर्दास्त नहीं किया जायेगा क्योंकि मैहर हमारा है यहां के लोग माई की शरण में रहकर जीते आए है और जिएंगे।
नारायण त्रिपाठी इस बात का पुरजोर समर्थन करते है कि माई का लोक बने दिव्य और भव्य बने ऐसा बने कि पूरे देश में माई के लोक का गुणगान हो लेकिन उसमें गरीबों असहायों बेबसों की चीख न हो। बेशक बेहतर बनाने के लिए विस्थापन हो लेकिन जो आज वर्षों से वहां रह रहे है जीवन यापन कर रहे है उन्हें बेसहारा न किया जाय उनके लिए जगह का निर्धारण हो उनके विस्थापन की पूर्ण व्यवस्था हो नहीं तो ये गरीब जाएंगे कहा अपनी रोजी रोटी कैसे चलाएंगे अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे। धाम बने तो रोजगार बढ़े न कि धन्ना सेठों को जगह देने के लिए गरीबों को उजाड़ दिया जाय। माई का लोक एक दिन में बनकर तैयार नहीं होगा इसके बनाने में समय लगेगा तबतक वहां का कोई भी दुकानदार चाहे पक्की दुकान वाला हो या फुटपाथी हो अपनी दुकानदारी कहा और कैसे करेगा इसका निर्धारण खुले मंच से होना चाहिए। जो लोग वहां रह रहे है उन्हें हटाने के पूर्व उनके रहने की व्यवस्था पूर्ण की जानी चाहिए उन्हें आशियाना बना के दिया जाना चाहिए वहां पानी बिजली सड़क की व्यवस्था करके व्यवस्थित किया जाना चाहिए फिर माई का लोक बने जिससे सभी लोग सुखी समृद्ध हो।
आज का शासन प्रशासन फुटपाथ पर व्यापार करने वाले गरीब को हेय दृष्टि से देखने का जो नजरिया बना रखे इसमें बदलाव लाए ये भी हम सभी के जैसे हाड़ मांस से सुसज्जित लोग है इन्हें भी भूख प्यास हमारे जैसे ही लगती है इसलिए भेदभाव खत्म किया जाना आवश्यक है। समिति के कुछ कर्मचारी अपने निजी स्वार्थों से प्रेरित होकर निज लाभ में मश्गूल होकर अधिकारियों की मिली भगत से जो साजिश गरीबों के साथ करते है इसे बंद करे सबके साथ समान व्यवहार से काम हो नहीं तो यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जिम्मेवारो की एक एक हरकत हमारे संज्ञान में है और जिस दिन हम बेपर्दा करने में आयेंगे उस दिन मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेगी। गरीबों के साथ हो रहे इन तमाम अन्याय और प्रताड़ना को लेकर हम कल दिनांक 22/09/2025 को सुबह 10 बजे घंटाघर में विशाल धरना प्रदर्शन कर प्रशासन के जिम्मेवारो ज्ञापन सौंप व्यवस्था ने सुधार का आग्रह किया जायेगा और परिवर्तन न होने पर ऐसा जन आंदोलन खड़ा किया जायेगा कि सरकार के भी चूल्हे हिल जाएंगे। इसलिए आप सभी अपनी ताकत का एहसास कराने अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर अपनी ताकत का एहसास कराए और अपनी लड़ाई का आगाज करें।
