जनपद शाहजहांपुर विकासखंड बंडा के अंतर्गत रनमस्तपुर बुजुर्ग गांव में वन माफियाओं ने एक और वारदात को अंजाम दिया है। यहां पर दो प्रतिबंधित गूलर के पेड़ों को आरा चलाकर काट दिया गया। यह घटना उस समय हुई है, जब सरकार लाखों रुपये खर्च करके वृक्षारोपण अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर वन माफियाओं का तंत्र दिन-प्रतिदिन मजबूत होता जा रहा है।
बंडा के रनमस्तपुर बुजुर्ग गांव में शनिवार सुबह हरे भरे गुलर के पेड़ो को दबंग लकड़कट्टो ने बिना परमिट के काट डाला। अवैध कटान की सूचना मिलते ही पहुंचे वन कर्मी मौके पर पहुंचे। जहां गूलर की लकड़ी गायब थी ।एक तरफ जहां इस भीषण गर्मी में सरकार, जनप्रतिनिधि व समाजसेवी पेड़ लगाने पर जोर दे रहे है, तो वहीं दूसरी तरफ लकड़कट्टे हरियाली को मिटाने पर तुले है। लकड़कट्टो के हौसले कुछ इस कदर बुलंद है कि वह परमिट वाले पेड़ो को भी बिना परमिट बनवाए काटने से नहीं हिचकिचाते है। आम जनमानस में यह सवाल आम है कि इन दबंग लकड़कट्टो को आखिर किसका संरक्षण प्राप्त है , जिसकी दम पर यह आए दिन अवैध रूप से कटान कराते है।
गांव में दिन-दहाड़े पेड़ों की अवैध कटाई के इस मामले ने संबधित विभागों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। अब देखना यह है कि क्या खुटार वन रेंज में अवैध रूप से हो कटान पर रोक लगेगी या फिर यह दबंग लकड़कट्टे इसी तरह से अपने काम को अंजाम देंगे?
इस मामले पर वन विभाग के रेंजर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि रनमस्तपुर बुजुर्ग गांव में कोई भी गूलर के पेड़ काटने के लिए परमिट जारी नहीं किया गया था। यह मामला उनके संज्ञान में आया है और वे मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
देवेंन्द्र पटेल व्यूरो चीफ शाहजहांपुर
