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भारत को आत्मनिर्भर बनाने में वोकल फॉर लोकल के महत्व को मेला के माध्यम से विवेकानन्द महाविद्यालय में प्रतिपादित किया l NN81




एमसीबी (छ.ग.)                

रिपोर्ट - मनीराम सोनी      

एमसीबी मनेन्द्रगढ़, आत्मनिर्भर भारत वोकल फॉर लोकल जिला स्तरीय मेला प्रदर्शनी, आहार एवं पोषण माह के अन्तर्गत मिलेट्स व्यंजनो की प्रदर्शनी एवं जीवनशैली व्याख्यान सेवा पखवाड़ा 2025 में शासकीय विवेकानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ में गृहविज्ञान विभाग, रेडरिबन क्लब, ईको क्लब, रासेयोके संयुक्त तत्वावधान में आयोजित  हुआ इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती ने दीप प्रज्ज्वलन कर मेला एवं सेवा पखवाड़ा अन्तर्गत आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमो का उद्घाटन किया। मेला अन्तर्गत माही महिला उत्पादक समूह लोहारी से अध्यक्ष इंजोरिया, ममता राय उपस्थित रही जिन्होने जीरा फूल चावल, दाल एवं अन्य कृषि उत्पाद मेला मे विक्रय किया वहीं कुमकुम महिला कृषि उत्पादक समूह नागपुर द्वारा विभिन्न प्रकार की दाले एवं आचार पापड विक्रय के लिए लायें, लक्ष्मी महिला उत्पादक समूह चिप्स पापड रूई बाती अध्यक्ष सुषमा सोनी के साथ ज्योतिरानी, संगीता लेकर उपस्थित हुई, के.एम.सी (कोरिया मिलेट्स कैफे) छीदडाड बैकुण्ठपुर से हीना खान ने प्रतिनिधित्व किया। इस कैफे को प्रधान मंत्री प्रोत्साहन भी प्राप्त हुआ था। इनके स्टॉल पर मुस्कान एवं बालकुमारी ने सहभागिता की मिलेट्स के व्यंजनो में रागी चीला, बाजरा चीला, ज्वार के गुलाब जामुन, कोदो की खीर, रागी बाजरा डोसा, मिलेट्स पनीर चीली, मिलेट्स का मनचुरियन, कोदो की उपमा, कोदो ईडली, रागी, बाजरा की बर्फी की धूम रही सभी विद्यार्थी एवं आगंतुकांे  ने मिलेट्स उत्पाद की सराहना की रागी की खीर एवं बर्फी, गुलाब जामुन की बहुत विक्री हुई। इसी क्रम में कोरिया मोदक, बैकुण्ठपुर से आये प्रभा कन्हैया, शैफूनिशा ने मोदक की  मेला मंे प्रदर्शनी लगाई। मोदक की भी सभी ने बहुत सराहना की एवं बड़ी मात्रा में लोगो द्वारा मोदक खरीदा गया। मोदक मुख्य रूप से तिल, जौ, सत्तू, मुंगफली, गुड़ देशी घी एवं खुशबू के लिए इलाईची पाउडर का उपयोग करके मोदक बनाये गये थे। अगले क्रम मे कोरिया एग्रो प्रोज्युसर कम्पनी लिमिडेड छत्तीसगढ़, बैकुण्ठपुर से मो. वासिम, अजीत सिंह ने उपस्थित होकर मूंगदाल, चनादाल, मसुरदाल, कुलथी दाल, जीराफूल चावल, ए.टू. घी, शहद आदि ऑगर्निक कृषि उत्पाद लेकर उपस्थित हुए लोगो ने इसको भी बड़ी मात्रा में खरीदा। इस कार्यक्रम में सम्मिलित सभी समूहो को प्राचार्य डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती, कार्यक्रम संयोजक डॉ. सरोजबाला श्याग विश्नोई विभागाध्यक्ष गृहविज्ञान  एवं कार्यक्रम प्रभारी डॉ. शरणजीत कुजूर द्वारा हस्ताक्षरित प्रशंसा पत्र प्राचार्य चक्रवर्ती द्वारा वितरित किया गया इस कार्यक्रम में भीमसेन भगत, डॉ. रेनू प्रजापति, डॉ. रिंकी तिवारी सुश्री अल्पनारानी खलखों ने सदस्य के रूप योगदान दिया इस कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार संयोजक डॉ. विश्नोई द्वारा प्रकट किया गया। यह कार्यक्रम के द्वितीय चरण में दिव्यांग और विशिष्ट व्यक्ति का सम्मान सेवा पखवाड़ा 2025 के अन्तर्गत किया गया, जिसमें महाविद्यालय में पढ़ने वाले तरून सिंह, परमेश्वर सिंह, कमलेश सिंह, आदित्य द्विवेदी, रविशंकर पटेल, शिवम् सिंह, सुरेन्द्र सिंह, महेश कुमार, राहुल कोल को तिलक लगाकर, पुरस्कार देकर सम्मानित  किया गया।  वरिष्ट व्यक्तियों के रूप में श्री प्रेमलाल पटेल जी एवं  श्री रामखिलावन गुप्ता जी, को सम्मानित किया गया। इसी कार्यक्रम मे शिवानन्द साकेत अतिथि व्याख्याता ने सहयोग किया।कार्यक्रम के अगले चरण में खादी वस्तुओं की खरीद एवं प्रोत्साहन हेतु व्याख्यान का आयोजन  सेवा पखवाड़ा 2025 के अन्तर्गत ही किया गया, जिसमें खादी के महत्व को प्रतिपादित करते हुए  इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष कमलेश पटेल द्वारा खादी के एतिहासिक महत्व को प्रतिपादित किया, अगले क्रम में मुख्य वक्ता के रूप में विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ. सुशील तिवारी द्वारा खादी के महत्व की ओर ध्यान आकर्षित करत हुए कहा की खादी एक वस्त्र नही, बल्कि खादी  हमारे स्वराज्य, अत्मनिर्भरता और देश भक्ति का प्रतीक बन गई है। उन्होनें मॉ खादी की चादर देदें मै गांधी बन जाऊं कविता की ओर भी सबका ध्यान आकर्षित करते हुए गॉधी जी के सादगी पूर्ण जीवन को भी स्मरण किया। डॉ. विश्नोई ने इस अवसर पर कहा की हमें खादी के ग्रामीण रोजगार को बढ़ाने के लिए हर व्यक्ति को प्रतिवर्ष दो जोड़ी कपड़े खादी के अवश्य खरीदने चाहिए हमारे देश की जनसंख्या के अनुपात में यह कृत्य भारत को आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक कदम होगा। इसके प्रचार प्रसार के लिए जन जागरूकता फैलना अत्यंत आवश्यक हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. चक्रवर्ती ने कहा की खादी के फैशनेबल कपड़े भी वर्तमान समय मे बाजार में उपलब्ध है जिसमें युवा वर्ग आकर्षित हो रहें है। डॉ. तिवारी द्वारा स्मरण की गई  मॉ खादी की चादर देदें मै गांधी बन जाऊं कविता को आगे पूर्ण करते हुए कहा की मॉ खादी की चादर देदें मै गांधी बन जाऊं सब मित्रों के बीच बैठकर स्वच्छ भारत अभियान चालाऊ बापू के देश के सपने को साकार कर जाऊंगा, गली मोहल्ले एवं स्वर्ग को स्वच्छ बनाऊगा। कविता को सुनाते हुए स्वच्छता सेवा पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए सयोजक डॉ. विश्नोई, सहसयोजक रंजीतमनी सतनामी, सहसयोजक डॉ. नसीमा बेगम अंसारी, एवं समस्त सटॉप को बधाई दी, द्वितीय चरण के कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. रश्मि तिवारी विभागाध्यक्ष संगीत द्वारा किया गया। इस अवसर पर शरणजीत कुजूर, पुष्पराज, बी.एल शुक्ला, साधना बनुकर, हेमन्त सिंह उपस्थित रहे।

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