लोकेशन झाँसी
रिपोर्टर सतेन्द्र कुमार
झांसी जनपद की तहसील मऊरानीपुर के ग्राम पठाकरका में एक बेबस विधवा मां और उसके बच्चों की पुश्तैनी जमीन को फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे हड़प लिए जाने का मामला गरमा गया है। सुनीता पत्नी स्व. हल्काई कुशवाहा ने अपने हक के लिए सैकड़ों ग्रामीणों के साथ तहसील मऊरानीपुर पहुंचकर आवाज़ उठाई और भ्रष्ट लेखपाल व भू-माफिया और गवाहों सहित कठोर कार्रवाई की मांग की।
पीढ़ित सुनीता का कहना है कि उनके पति की मृत्यु के बाद वह गोंदिया (महाराष्ट्र) चली गई थीं, जहां मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रही थीं। लेकिन जब वह गांव लौटीं तो उन्हें पता चला कि उनके भतीजे नंद किशोर और सतन कुशवाहा ने लेखपाल गुलशन कुशवाहा से मिलकर फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर उनकी जमीन को अपने नाम वरासत करवा लिया। इतना ही नहीं, उनके घर पर भी जबरन कब्जा कर लिया गया था। शिकायत के बाद मऊरानीपुर के नायब तहसीलदार ने घर का कब्जा वापस दिलाया, लेकिन खेती की जमीन अब भी उनके कब्जे में नहीं है।
""पीढ़ित सही ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप""
लेखपाल गुलशन कुशवाहा ने पैसे लेकर दस्तावेजों में हेराफेरी की।
फर्जी गवाहों – नरेश पाल और धनीराम कुशवाहा – को दिखाकर जाली प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।
जमीन की असली वारिस होते हुए भी पीड़िता व उनके बच्चों को न्याय से वंचित रखा गया।
""ग्रामीणों ने किया पीढ़ित विधवा मां का समर्थन ""
""तहसील परिसर में पहुंचे सैकड़ों ग्रामीणों ने सुनीता के साथ खड़े होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाए और प्रशासन से अपील की कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी, फर्जी गवाहों और जालसाज रिश्तेदारों पर सख्त कानूनी कार्यवाही हो।
ग्रामीणों ने कहा – "अगर सुनीता जैसी महिलाओं को न्याय नहीं मिला, तो हर गरीब की जमीन खतरे में है।"
पीढ़ित सुनीता ने प्रशासन से लगाई गुहार: पीड़िता ने तहसील प्रशासन से अपील की है कि वरासत रद्द कर जमीन वापस दिलाई जाए। दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाए। ऐसे मामलों में भ्रष्ट लेखपालों की सेवा समाप्त कर मिसाल पेश की जाए।
ये सिर्फ एक महिला की लड़ाई नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर सवाल है जो फर्जी कागज़ और पैसे के दम पर किसी का हक छीनने का रास्ता देती है।
पठाकरका की यह घटना पूरे बुंदेलखंड के लिए चेतावनी है कि यदि अब भी चुप रहे, तो अगली जमीन आपकी भी हो सकती है।
