न्यूज़ रिपोर्टर देवकरण माली
भीलवाड़ा = सतदुंडिया धोसर में CITI–CDRA कपास पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों के लिए “फार्मर्स फील्ड डे एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम” आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रोजेक्ट अधिकारी श्री गोविन्द पाराशर, प्रोजेक्ट अधिकारी श्री भारत कुमार शर्मा तथा करौई एवं धोसर के कपास प्रसार सहायक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रोजेक्ट अधिकारी श्री भारत कुमार शर्मा ने CITI–CDRA कपास पायलट प्रोजेक्ट के उद्देश्यों एवं गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने हाल ही में हुई असमय वर्षा के कपास की गुणवत्ता पर पड़े प्रभाव पर चर्चा की और किसानों को उसकी सुधार हेतु आवश्यक सुझाव दिए। साथ ही उन्होंने आगामी सीजन में कपास की बुवाई 90 सेमी × 30 सेमी की क्लोजर स्पेसिंग पर करने की सलाह दी।
श्री शर्मा ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज चयन, समय पर उर्वरक एवं कीटनाशी दवाओं के प्रयोग, तथा पीले स्टिकी ट्रैप लगाने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने जैविक घोल “ब्रह्मास्त्र” की तैयारी और उपयोग की विधि समझाई जिससे कपास उत्पादन में वृद्धि हो सके। इस अवसर पर प्रदर्शनकारी किसानों को प्रोजेक्ट वाउचर भी वितरित किए गए।
इसके पश्चात श्री गोविन्द पाराशर ने किसानों को संबोधित करते हुए कपास की खेती में जैविक पद्धतियों को अपनाने का आह्वान किया, ताकि लागत में कमी एवं मिट्टी की उर्वरता में सुधार हो सके। उन्होंने प्रमाणित बीजों के उपयोग और प्रतिवर्ष मृदा परीक्षण कराने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को नाश्ता एवं चाय दी गई। इसके बाद किसानों और अधिकारियों ने खेतों का भ्रमण कर फसल की स्थिति का निरीक्षण किया तथा फोटो भी लिए गए। इस दौरान किसानों को वाउचर भी वितरित किए गए।
CITI–CDRA संस्था पिछले तीन वर्षों से भिलवाड़ा, राजसमंद और चित्तौड़गढ़ जिलों में कपास पर कार्य कर रही है। इस वर्ष संस्था ने कुल 750 किसानों का चयन किया है, जो क्लोजर स्पेसिंग पद्धति से कपास की खेती कर रहे हैं।
