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धनोरा में राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् की150 वर्षगांठ स्कूल बच्चोयों के साथ मनाएं - NN81



लोकेशन नारायणपुर छत्तीसगढ़ 

संवाददाता खुमेश यादव 

नारायणपुर- 8 नवम्बर 2025 पुलिस थाना परिसर धनोरा में वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत की 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम किया गया। यह भारतीय संविधान में राष्ट्रगीत का अपना एक विशेष महत्व है। राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित राष्ट्रगीत के सम्मान के लिए धनोरा थाना में एक विशेष आयोजन किया गया जिसमें पुलिस जवानों के साथ , स्कूल बच्चों,ग्रामीणों ने उत्सुकता से भाग लिया थाना प्रभारी सत्यवान सिंह,एवं आईटीबीपी के जवानों और शिक्षक गण, स्कूल बच्चों व वरिष्ठ नागरिकों के साथ मिलकर राष्ट्रगीत का गायन कर सम्मान दिया गया आपको बता दें कि   07 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली में राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव का भव्य शुभारंभ किया गया।  “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने राष्ट्रगीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके सांस्कृतिक, साहित्यिक तथा स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान पर प्रकाश डाला गया। ‘वंदे मातरम् - राष्ट्र की आत्मा का स्वर’

“वंदे मातरम” गीत का रचना कार्य महान कवि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने वर्ष 1875 में संस्कृत एवं बांग्ला मिश्रित भाषा में किया था। इसे बाद में उनके प्रसिद्ध उपन्यास आनंदमठ में शामिल किया गया, जो 1882 में प्रकाशित किया गया और पहली बार 1896 में गाया गया था। यह गीत मातृभूमि भारत को देवी स्वरूप में नमन करता है- “वंदे मातरम! सुजलां सुफलां मलयजशीतला, शस्यश्यामलां मातरम्

यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रभक्ति और आंदोलन का प्रेरणास्रोत बना। जो एक क्रांतिकारी के रूप में  लोगों के मन में राष्ट्रहित  और एकता की मिसाल बन गई।

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