रिपोर्ट - मनीराम सोनी
एमसीबी /शासकीय विवेकानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ में सात दिवसीय छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के गौरवमयी 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में एवं वर्ष 2047 तक छत्तीसगढ़ राज्य को विकसित राज्य बनाने के दृष्टि से शासन के निर्देशानुसार कार्यक्रमां का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती के मार्गदर्शन एवं डॉ. सरोजबाला श्याग विश्नोई के संयोजन में हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्रा जया शर्मा बी.कॉम. तृतीय वर्ष ने प्रथम स्थान, साक्षी बी.एससी. तृतीय सेमेस्टर ने द्वितीय स्थान एवं राजकुमार बी.ए. तृतीय सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने छत्तीसगढ़ राज्य की 25 वर्षो की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ की कल्पना पर अपने विचार व्यक्त किये। साथ ही छात्र-छात्राओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और संस्कृति के क्षेत्र में तेजी से प्रगति एवं डिजिटल तकनीकी मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के दूसरे चरण में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कराया गया जिसमें राजकुमार यादव बी.एससी. प्रथम सेमेस्टर ने प्रथम स्थान, आयुष कुमार सिंह एम.एससी. रसायनशास्त्र तृतीय सेमेस्टर ने द्वितीय स्थान एवं वारिस अहमद एम.ए. प्रथम सेमेस्टर, वंदना तिवारी एम.एससी. रसायनशास्त्र तृतीय सेमेस्टर, साक्षी गुप्ता एम.एससी. रसायनशास्त्र प्रथम सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। छात्र-छात्राओं में पुस्तकों के प्रति प्रेम भावना बढ़ाने के लिए महाविद्यालय में भव्य पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। मेले में विभिन्न प्रकाशकों एवं संस्थाओं ने अपनी पुस्तकों का प्रदर्शन किया। गायित्री परिवार मनेन्द्रगढ़ से डी.के. जायसवाल, शिवकुमार नागर, टंकेश्वर विशाल गायत्री परिवार कल्याणपुर एवं गायित्री परिवार अम्बिकापुर से सेवानिवृत्त शिक्षा विभाग के शिक्षक कृष्ण प्रताप गुप्ता ने अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के द्वारा लिखित साहित्य एवं मथुरा द्वारा प्रकाशित साहित्य, गीता प्रेस गोरखपुर का साहित्य, रामकृष्ण विवेकानंद समिति का साहित्य पुस्तक मेला में उपलब्ध कराया। अर्जुना प्रकाशन से विजय कुमार द्विवेदी एवं राकेश पाण्डेय, सिविल पब्लिकेशन एण्ड बुक सप्लायर बिलासपुर से मोनिसा सिंह तथा ज्ञान कलश बुक एण्ड स्टेशनरी बैकुण्ठपुर से कलश देवी ने अपनी पुस्तकें प्रदर्शित की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धर्मेन्द्र पटवा उपाध्यक्ष नगरपालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ ने प्रदर्शकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल पठन-पाठन की संस्कृति को बढ़ावा देते है बल्कि विद्यार्थियों को ज्ञान और साहित्य को जोड़ने का कार्य भी करते है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. विश्नोई ने अपने उदबोधन में छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि पुस्तक मेला केवल किताबों की खरीद-बिक्री का स्थान नही होता बल्कि यह एक ऐसा सांस्कृतिक और साहित्यिक उत्सव है जहाँ शब्द, विचार और भावनायें एक मंच पर जीवन्त हो उठती है। ऐसे मेले साहित्यिक संवाद, सांस्कृतिक विविधिता और ज्ञान के आदान-प्रदान के प्रतीक बन चुके है। राज्य स्तरीय सेमीनार के मुख्य वक्ता के रूप में महाविद्यालय के पूर्व छात्र श्री गिरीश पंकज वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार, मुख्य वक्ता के रूप में श्री अनुरंजन प्रसाद सिंह महाप्रबंधक एसईसीएल हसदेव क्षेत्र, विशिष्ट अतिथि वक्ता श्रीमती अनामिका चक्रवर्ती ने अपने उदबोधन में छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष की विकास यात्रा एवं भविष्य की संभावनायें पर विस्तारपूर्वक संवाद किया जिसमें संस्कार निर्माण, चरित्र निर्माण प्रकृति पर एवं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर चर्चा एवं मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर अध्यक्षीय उदबोधन में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती ने वक्तव्य देते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थी अतिथियों द्वारा जो प्रेरणादायी उदबोधन एवं मार्गदर्शन दिया है उसको अपने चरित्र में अवश्य ही उतारेंगे और पुस्तक मेला से निःसंदेह हमारे विद्यार्थी लाभान्वित हुए है। पुस्तकें एक मुख्य मार्गदर्शक होती हैं जो हमारे जीवन में उल्लास और प्रकाश उत्पन्न करती है। अतः पुस्तकें पढ़ने का अभ्यास भी विद्यार्थी अपनी आदत में अपनायें।