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मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए ऐतिहासिक देशव्यापी आम हड़ताल - NN81


०कुर्बानियों से हासिल श्रम क़ानूनों का अपहरण नहीं होने देंगे।

०खेती किसानी, उद्योग धंधे, रोजगार बर्बाद करने वाली अमरीकी शर्तों के आगे समर्पण नहीं करेंगे।

०देश को अम्बानी अडानी का चरागाह नहीं बनने देंगे।

०आजादी की लड़ाई के गद्दारों को खूनी खेल नही खेलने देंगे।

  आदि जोरदार नारों के साथ

देश के केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, खेत मजदूरों और किसान संगठनों द्वारा तमाम मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों और आम जनता के सवालों और मांगों को लेकर आज दिनांक 9 जुलाई 2025 को आहूत संयुक्त देशव्यापी ऐतिहासिक आम हड़ताल में भागीदारी करते हुए जिला मुरादाबाद की ट्रेड यूनियनस एवं खेत मजदूर और किसान संगठनों के तमाम कार्यकर्ताओं ने स्थानीय अंबेडकर पार्क सिविल लाइन मुरादाबाद में एकत्र होकर आम सभा की और वहां से जुलूस के रूप में चलते हुए कलेक्ट्रेट जिलाधिकारी कार्यालय और उप श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करके अपनी निम्न मांगों के समर्थन में ज्ञापन प्रस्तुत किए


                         मुख्य मांगे

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01 - मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिताओं को तुरन्त रदद करो और पुराने श्रम कानूनों को पूरी तरह से लागू करो।

02 - मजदूरों के काम करने के 8 घंटे के नियम को प्रभावी ढंग से लागू करो। 

03 - शुगर, होटल एवं इंजीनियरिंग उद्योग में वेतन पुनरीक्षण तुरंत किया जाए।

04 - असंगठित क्षेत्र में मंहगाई के साथ मजदूरी वृद्धि की जाए और मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। न्यूनतम वेतन ₹26000  मासिक घोषित किया जाए।

05 - सभी स्कीम वर्कर्स -  आंगनवाड़ी, आशा आईसीडीएस, मिड डे मील कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करो। 

06 - ICDS का किसी भी रूप में निजीकरण ना किया जाय। FRS व E-KYC करने की अनिवार्यता वापस लिया जाए।

07 - आंगनबाड़ी सेंटरों पर वाई-फाई कनेक्शन लगाए जाएं तथा केवाईसी करने के लिए पाइल की मोबाइल एवं टैबलेट उपलब्ध कराई जाए।

08 - आईसीडीएस विभाग में 3 साल से 6 साल तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए एजुकेटर भर्ती पर रोक लगाई जाए।

09 -  उत्तर प्रदेश भवन निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में मजदूरों के पंजीकरण एवं नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। 

10 - सभी विभागों में खाली पदों पर तुरंत भर्तियां सुनिश्चित करो। समान काम के लिए एक समान वेतन दिया जाए।

11 - संविदा एवं ठेकेदारी प्रथा पर तुरंत प्रभावी रोक लगाओ। संविदा और ठेका कर्मियों को नियमित करो।

12 - मनरेगा में 200 दिन काम और ₹600 दैनिक मजदूरी निर्धारित करो तथा योजना में बजट बढ़ाओ।

13  - सभी ग्रामीण मजदूरों का सरकार द्वारा कम से कम 10 लाख रुपये का निशुल्क जीवन बीमा कराया जाय। 

14  - ट्रेड यूनियन का पंजीकरण 45 दिनों की सीमा के अंदर अनिवार्य किया जाए तथा आईएलओ कन्वेंशन के प्रस्ताव 87 व 98 का रेक्टिफिकेशन किया जाए।

15 - सभी किसानों, शहरी एवं ग्रामीण मजदूरों के सभी प्रकार के कर्ज माफ किए जाएं तथा सस्ती ब्याज दर पर रोजगार परक नए कर्ज उपलब्ध कराए जाएं।

16 - सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी गारण्टी का कानून बनाओ। फसलों की खरीद मूल्य का तुरन्त भुगतान करो।

17 - किसानों द्वारा प्रयोग किया जा रहे मशीनों, बीजों, पानी, बिजली, उर्वरकों और कीटनाशक दवाओं के बढ़ते दामों पर प्रभावी रोक लगाओ।

18 - पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड तथा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड सहित सम्पूर्ण बिजली क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए और स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान बंद करो।

19 - जंगली जानवरों एवं आवारा पशुओं के हमलों से मानव जीवन तथा फसलों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाओ और बर्बाद फसलों का किसानों को मुआवजा दिया जाए।

20 - अमेरिका के साथ हो रहे हैं मुक्त व्यापार समझौते से सभी प्रकार के कृषि उत्पादों को अलग करो।

21 - देश के सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों, उद्योगों, विभागों का निजीकरण करना बंद करो।

22 - अमीरों पर प्रभावी टैक्स लगाओ और जीवन रक्षक दवाओं, शिक्षण सामग्री एवं खाने-पीने की चीजों पर वसूली जा रही जीएसटी को खत्म करो।

23- कमर तोड़ महंगाई पर कारगर रोक लगाओ, पेट्रोलियम उत्पादों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता करो।

24 - आदिवासियों और जनजातियों का जमीन से उजड़ना रोका जाए तथा देश के जल, जंगल और जमीन को कारपोरेट घरानों के कब्जे में जाने से बचाओ।

25-  स्कूलों का मर्जर/ बन्द करने का अभियान बंद करो तथा अध्यापकों की छटनी करना बन्द की जाय।

26 - सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करो तथा सभी बुजुर्गों को Rs 10000/- अनिवार्य मासिक पेंशन दो।

27 - सबको मुफ्त शिक्षा और मुफ्त स्वास्थ्य का तुरंत इंतजाम करो तथा शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली का निजीकरण करना और मुनाफाखोरी बंद करो।

28 - कानून व्यवस्था में सुधार करो और आम जनता को सस्ता और सुलभ न्याय उपलब्ध कराओ। 

29 - सभी कार्यालयों और विभागों में फैले आकंठ भ्रष्टाचार को समाप्त करो और भ्रष्टाचारियों को तुरंत कड़ी सजा दो।

30- उत्तर प्रदेश में न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाए तथा विक्रय संवर्धन कर्मियों  (सेल्स प्रमोशन एंप्लॉइज ) के लिए न्यूनतम सलाहकार बोर्ड में उपसमिति का गठन किया जाए। 

31 - सामूहिक सौदेबाजी व सामूहिक शिकायत की व्याख्या बीएनएस की धारा -  111 में "संगठित अपराध" के रूप में गलत व्याख्या करके मजदूर नेताओं को जेल भेजने पर रोक लगाई जाए। 

32 - हड़ताल जैसे प्रतिरोध के संवैधानिक अधिकार  पर रोक लगाना बंद किया जाए।


 इस मौके पर ऑल इंडिया ट्रेड यूनियंस कांग्रेस ( AITUC ) के जिला संयोजक रामकिशोर रस्तोगी -  सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU) की जिला सचिव चमन आरा तथा कार्यकारी जिलाध्यक्ष एच एन मिश्रा - ऑल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस (AICCTU) की जिला सचिव  निर्मला पाल तथा संयोजक  रोहिताश्व  राजपूत - ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर ( AIUTUC ) के जिला सचिव संजीव कुमार शुक्ला तथा प्रदेश अध्यक्ष  विजयपाल सिंह - उत्तर प्रदेश किसान सभा के जिलाध्यक्ष कासिम अली - उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव महिपाल सिंह एडवोकेट तथा प्रदेश उपाध्यक्ष थान सिंह आदि नेताओं ने प्रदर्शन कारियों को संबोधित किया। इनके अलावा रूबी रस्तोगी, निर्मला देवी, मिथिलेश कुमारी, मनोज कुमारी, जैनबजहां,  कृष्णा कुमारी, कामरेड चंद्रपाल सिंह आजाद, शरीफ अहमद, विक्रम सिंह एडवोकेट, नीतू गोस्वामी, लता सागर, महिपाल सिंह, बहादुर, रंजन नंदा, सुरेश पाल सिंह, प्रमोद कुमार, इस्लाम अली, नाजिम पाशा, आसिम पाशा, खालिद, दानिश, मुस्तलिव, अतर सिंह, शरबती, फूल सिंह, जागन सिंह आदि मौजूद रहे।

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