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नगर में मासिक महाआरती का 108 वाँ क्रम हुआ संपन्न , इस महाआरती को आयोजित होते नौ वर्ष पूर्ण हुए - NN81


लक्ष्मण रैकवार की रिपोर्ट

तेंदूखेड़ा

परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र महाराज जी के दिशा में मासिक महाआरती की शुरुआत 17 जुलाई 2016 में जैन धर्म शाला तेंदूखेड़ा बस स्टेंड से हुई थी।

  जो वर्तमान में  ब्लॉक स्तर पर हर माह के तृतीय रविवार को  आयोजन कृषि उपज मंडी परिसर तेंदूखेड़ा में की जाती है इसी क्रम में 

मां गुरूवर जी के जयकरो के साथ दिव्यता की आरती  संपन्न की गई। आरती उपरांत  संगठन की विचारधारा से अवगत कराने के लिए भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ब्लॉक महासचिव नन्हे सिंह  पोर्ते  द्वारा उद्वोधन में कहा कि जो हम सब ने एक साथ मिलकर मासिक महाआरती क्रम सम्पन्न की है, इसको सामान्य रूप में न ले,इस दिव्य आरती क्रम में सम्मिलित होने वाले मां भक्त नशामुक्त होकर जाते हैं इस दिव्य निशुल्क शक्ति जल प्रदान किया जाता है जिससे असाध्य से असाध्य रोग दूर हो जाते हैं। 

इसी कड़ी में जबेरा से आए सुरेश राय जिला सचिव भ मा क स ने कहा कि गुरुवर जी ने कहा कि साधना ही सर्वोपरि है और परोपकार के बिना साधना अधूरी है, कदम से कदम मिलाकर चलने की आवश्यकता है, इसी क्रम में महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ललिता पाल ने कहा कि इस महाआरती क्रम के 9 वर्ष पूर्ण हो गए और 108 वीं दिव्य आरती क्रम नगर तेंदूखेड़ा में संपन्न हुई। इस कार्यक्रम सभी जाति, धर्म संप्रदाय के लोग शामिल हो कर अपने जीवन को सफल बना सकते हो। आपका भगवती मानव कल्याण संगठन आवाहन करता है। समाज को भय, भूख भ्रष्टाचारमुक्त से मुक्त कराने में सहयोग करें।   जिला सागर तहसील बंडा से हमारी बीच पधारी ब्लॉक उपाध्यक्ष भारतीय शक्ति चेतना पार्टी कुमारी बहिन अर्चना ठाकुर ने कहा कि जब भी आज के राजनेता ने भ्रष्टाचार कर नशे के कारोबारियों को बड़ावा देकर राजनीति को गंदा कर दिया है। इन भ्रष्ट,बेईमान राजनेताओ का खत्मा करने के लिए भारतीय शक्ति चेतना पार्टी समाज का आवाहन कर रही है कि आप आए और कदम से कदम मिलकर हमारे साथ चले और हमारे देश को नशा  मुक्त कर बने। हमारी पार्टी अनीति,अन्याय के खिलाफ कार्य करने के लिए  संकल्प है। अंतिम कड़ी में भगवती मानव कल्याण संगठन के संभागीय अध्यक्ष डॉ सुजान सिंह जी द्वारा धनानंद के राज्य में अनीति,अन्याय के खिलाफ़ जो चाणक्य ने संकल्प लिया और चंद्रगुप्त जैसे शिष्य को तैयार किया लेकिन उस दौरान कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ा लेकिन अपने लक्ष्य से उछल नहीं हुए। ओर अंत में चंद्रगुप्त मौर्य अखंड भारत का निर्माण किया। इसी प्रकार हमारे गुरुवर ने अनीति,अन्याय,अधर्म को खत्म करने के लिए हम सभी कार्यकताओं को माध्यम बना रहे है तो अपने लक्ष्य को लेकर हमें विपत्ति,बाधा,कठिनाइयां तो आएगी लेकिन हमें को हरा कर निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है। 

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